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विपक्ष का आरोप- सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण में लगेंगे 20 हजार करोड़, लेकिन अब केंद्र सरकार ने बताया सच!

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नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है। आए दिन इस निर्माण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। कभी इस निर्माण को पीएम मोदी का नया आवास बताकर आरोप लगाया जाता है। तो कभी इसकी लागत को लेकर दाम तय किए जाते हैं। ऐसे आज हम आपको कुछ तथ्य बताने जा रहे हैं, जो इस प्रोजेक्ट के निर्माण से जुड़े हुए हैं। बता दें कि सरकार के खिलाफ कई तरह के उठ रहे सवालों के जवाब में केंद्र सरकार की तरफ से रविवार को अपने बचाव में कहा गया कि सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान की कल्पना कोरोना महामारी के प्रकोप से कई महीने पहले सितंबर 2019 में की गई थी। सेंट्रल विस्टा विकास / पुनर्विकास योजना एक पीढ़ीगत बुनियादी ढांचा निवेश परियोजना है। वहीं विपक्ष ने ये भी आरोप लगाया था कि महामारी के समय 20,000 करोड़ रुपये की परियोजना पर केंद्र सरकार काम कर रही है। इसपर भी केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अब सफाई दे दी है।

बता दें कि विपक्ष ने एक आरोप में कहा कि, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस आरोप पर सफाई दी है कि नए संसद भवन की लागत 862 करोड़ रुपए है और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू की लागत 477 करोड़ रुपये है। ऐसे में कुल मिलाकर इसमें 1300 करोड़ रुपये की लगात आएगी।

वहीं परियोजनाओं के परिणामस्वरूप हरित आवरण में समग्र वृद्धि होगी। सेंट्रल विस्टा में किसी भी प्रोजेक्ट में पेड़ नहीं काटे जाएंगे। निर्माण चरण के दौरान, सेंट्रल विस्टा परियोजना के पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए एक साथ सख्त उपाय भी किए जा रहे हैं। दरअसल इस प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर विपक्ष का आरोप था कि, यह परियोजना क्षेत्र में हरित स्थानों को कम करने के साथ-साथ पर्यावरणीय क्षति में योगदान दे रही है। ऐसे में अब सरकार ने साफ कर दिया है कि, सेंट्रल विस्टा में किसी भी प्रोजेक्ट में पेड़ नहीं काटे जाएंगे।

वहीं विपक्ष का आरोप है कि, सेंट्रल विस्टा परियोजना अपनी वास्तुकला विरासत को खत्म कर रही है। जिसके जवाब में केंद्र की तरफ से कहा गया है कि, “सेंट्रल विस्टा (इंडिया गेट, संसद, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक, राष्ट्रीय अभिलेखागार या कोई अन्य) में सूचीबद्ध विरासत भवनों में से कोई भी नहीं होगा।,

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने कहा कि आरोप लगाया गया कि, पीएम का नया घर 13,450 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें 10 इमारत बन रही हैं और पीएम के आवास के लिए टेंडर भी नहीं निकला है। मंत्री ने कहा कि पीएम आवास की लागत को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है।

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेंट्रा विस्टा एवेन्यू पुनर्विकास और नई संसद भवन परियोजनाओं का विरोध करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा था, और राजस्थान सरकार पर 266 रुपये की लागत से विधायकों के लिए 160 का शानदार घर बनाने का आरोप लगाया था। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री ने आरोप लगाया कि विधायकों के लिए “शानदार घर” बनाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा भवन उपनियमों का उल्लंघन किया गया है।

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