लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सबसे खतरनाक माफियाओं में शुमार अतीक अहमद और उसके भाई की मेडिकल के लिए ले जाते समय, पुलिस के सुरक्षा घेरे को भेदते हुए गोली मारकर हत्या कर दी गई। मीडिया के कैमरों में कैद हुए इस पूरे हत्याकांड के बाद फ़ौरन ही हत्यारोपियों ने सरेंडर कर दिया। अब पुलिस लगातार इस पूरे मामले की जांच में जुटी है, घटनास्थल पर अतीक और उसके भाई की सुरक्षा में मौजूद 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। अब इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा अभियुक्तों पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है। हत्याकांड में आरोपी लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के खिलाफ एफआईआर प्राथमिकी (FIR) दर्ज हुई है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस FIR में तमाम बातों का खुलासा किया गया है। आरोपियों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में एफआईआर 16 अप्रैल यानी घटना के अगले दिन दर्ज की गई है। ये एफआईआर सुबह करीब दस बजे दर्ज की गई है। इसमें तीनों आरोपियों को धारा 302, धारा 307, आर्म्स एक्ट की धारा 3, आर्म्स एक्ट की धारा 7, आर्म्स एक्ट की धारा 25, आर्म्स एक्ट की धारा 27 और आपराधिक कानून संसोधन की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आपको बता दें कि अपराधियों के खिलाफ दर्ज की गई इस FIR में पुलिस ने पूछताछ के दौरान जो भी जानकारी हासिल की गई उसकी पूरी डिटेल दी गई है।
FIR COPY-
पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले तीनों आरोपियों ने कहा, “हम लोग अतीक-अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे, जिससे प्रदेश में हमारा नाम होता। हम लोग पुलिस के घेरे के अनुमान नहीं लगा पाए और पुलिस की तेज कारवाई से पकड़े गए। हम कई दिनों से मारने की फिराक में थे। लेकिन सही समय या मौका नहीं मिला पा रहा था।” इसके साथ ही इसी प्राथमिकी में आगे इस बात का जिक्र किया गया है कि, “हत्या करने के उद्देशय के बारे में पूछे जाने पर तीनों अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग अतीक और अशरफ गैंग का सफाया करना के मकसद में थे। अतीक अहमद और अशरफ के पुलिस रिमांड की सूचना जब से हमें मिली थी तब से हम लोग मीडिया कर्मी बनकर यहां की स्थानीय मीडिया कर्मियों की भीड़ में रह रहे थे।” इस FIR में इस बात का साफ़ जिक्र किया गया है कि तीनों आरोपी मीडिया कर्मियों के वेश में आए थे। लेकिन जब गोली मारी गई तो उन्होंने अपने कैमरे और माइक फेंक दिए थे।
इसके आलावा एफआईआर के अनुसार, “तीनों आरोपियों का कहना है कि हम लोग अतीक-अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे, जिससे प्रदेश में हमारा नाम होता। हम लोग पुलिस के घेरे के अनुमान नहीं लगा पाए और पुलिस की तेज कारवाई से पकड़े गए। हम कई दिनों से मारने की फिराक में थे। हम लोग सिर्फ सही वक्त की तलाश में थे, हमें मौका ही नहीं मिल पा रहा था। इस प्रथमिकी में आगे जिक्र किया गया है, जब से इन तीनों को अतीक के पुलिस रिमांड पर आने की बात पता चली थी तभी से वो लोग उसकी हत्या करने की फ़िराक में थे, बस सही मौका मिलने के इंतजार में रुके हुए थे, जैसे ही सही मौका मिला मेडिकल को जाते समय उन तीनों ने मीडिया कर्मियों के वेश में आकर अतीक और उसके भाई अशरफ पर दनादन गोलियां दाग दीं।
जिस होटल में रुके थे आरोपी वहां भी हुई छापेमारी
अभी तक इस आरोपियों के बारे में जो खबरें निकलकर सामने आई हैं उनके मुताबिक माफिया अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले युवक दो दिनों से प्रयागराज के किसी होटल में ठहरे थे। इस दौरान वह इस को लेकर प्लानिंग में जुटे थे कि कैसे माफिया और उसके भाई की हत्या की जाए। इसके बाद आखिकार शनिवार को तीनों हाथ में मीडिया चैनल की आईडी लेकर अतीक के पास पहुंचे और पिस्टल निकालकर अतीक और अशरफ को गोली मार दी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपियों का सामान अभी होटल में ही है। यह किस होटल में रुके थे इसकी पड़ताल की जा रही है। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं। पुलिस लगातार इन्वेस्टिगेशन में जुटी हुई है।