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Ayodhya: संतों की चेतावनी से ओवैसी ‘बैकफुट’, पोस्टर में फैजाबाद की जगह कर लिया ‘अयोध्या’

Ayodhya Owaisi poster

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम इत्तेहाद-उल-मुसलमीन यानी AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर यूपी में सम्मेलन कर रहे हैं। अपनी तैयारियों में ओवैसी मुस्लिम और दलित के गठजोड़ पर भी खूब जोर लगा रहे हैं। फिलहाल यूपी में ओवैसी की पार्टी AIMIM के सम्मेलनों का दौर जारी है। इस सिलसिले में ओवैसी 7, 8 व 9 सितंबर को यूपी का दौरा करेंगे।  ओवैसी 7 सितंबर को अयोध्या में रूदौली में सम्मेलन करेंगे। ऐसे में बीते दिन एक पोस्टर को लेकर बवाल मचा हुआ है। बता दें कि ओवैसी के इस कार्यक्रम को लेकर जो पोस्टर सामने आया था, उसमें अयोध्या की जगह फैजाबाद लिखा हुआ था। इसको लेकर अयोध्या में संत समाज आक्रोश में था। बता दें कि संत समाज ने इसको लेकर चेतावनी भी दी कि अगर इस तरह के पोस्टर में अयोध्या नहीं लिखा गया तो हम ओवैसी के सम्मेलन को नहीं होने देंगे।

हालांकि इस चेतावनी का असर अब दिखने लगा है। बता दें कि रूदौली में होने वाले कार्यक्रम को लेकर ओवैसी की पार्टी से जुड़ा नया पोस्टर सामने आया है, उसमें फैजाबाद नहीं अयोध्या लिखा हुआ है। माना जा रहा है कि संत समाज में गुस्से को देखते हुए इस तरह का बदलाव देखा गया है। वहीं इससे पहले ओवैसी के विवादित पोस्टर को हटवाने के लिए जगतगुरू परमहंस दास महराज ने रविवार को अयोध्या के रूदौली कस्बे पहुंचे।

यहां पहुंचकर परमहंस दास महराज ने कहा कि, ओवैसी हिन्दू मुसलमान को आपस में लड़ा कर मुसलमानों का दूसरा जिन्ना बनना चाहता है, मेरी चेतावनी है कि, अगर अयोध्या में कोई भी कार्यक्रम करना है तो अयोध्या जिले के नाम से करें। उन्होंने कहा कि, ओवैसी हों या फिर चाहे वो कोई फिर और, किसी की औकात हो तो कार्यक्रम करके दिखाए।

ओवैसी का कार्यक्रम

बता दें कि ओवैसी 7, 8 व 9 सितंबर को यूपी का दौरा करेंगे। इस दौरे में ओवैसी रुदौली (अयोध्या) और सुल्तानपुर में निर्धारित कार्यक्रम में भाग लेंगे। ओवैसी के कार्यक्रमों की जानकारी पार्टी प्रवक्ता आसिम वकार ने दी। वहीं ओवैसी के इस कार्यक्रम को लेकर एक पोस्टर भी सामने आया है जिसमें अयोध्या को फैजाबाद लिखा गया है। इसके पीछे की मंशा बताई जा रही है कि ओवैसी और उनकी पार्टी बाबरी मस्जिद का दर्द अभी तक भूल नहीं पाई है। गौरतलब है कि, 2019 में तमाम सबूतों के जरिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया कि जिस जगह को लेकर विवाद चल रहा था वो जगह रामलला की है।

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