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UP: ओवैसी बिगाड़ेंगे सपा का ‘खेल’, यूपी विधानसभा चुनावों में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी

Akhilesh yadav CM Yogi Owaisi

नई दिल्ली। पूरे देश भर में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अपनी विस्तार की योजना में लगी हुई है। ऐसे में पश्चिम बंगाल में हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में भी असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ताल ठोका था। वहीं अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए खबर सामने आई है कि, यूपी में AIMIM 100 सीटों पर प्रत्याशी मैदान पर उतारने की तैयारी में है। बता दें कि ओवैसी की यूपी में कुछ जगहों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है, खासकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में। अगर ओवैसी पूरी तैयारी के साथ इन सीटों पर मैदान में उतरते हैं तो सबसे अधिक नुकसान समाजवादी पार्टी को होगा। दरअसल यूपी में मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी का आधार वोट माना जाता है। ऐसे में ओवैसी के आ जाने से मुस्लिम वोटों की मारामारी अधिक हो जाएगी। जिसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। माना जा रहा है यह चुनाव फरवरी 2021 में होंगे। ऐसे में सभी पार्टियों की तरफ से तैयारियों जोरों पर हैं। वहीं ओवैसी की तरफ से संकेत दिए गए हैं कि उनकी पार्टी इस चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। गौरतलब है कि ओवैसी पहले ही ओमप्रकाश राजभर की अगुवाई वाले मोर्चे का हिस्सा बन चुके हैं।

OP राजभर पहले योगी सरकार में ही हिस्सा हुआ करते थे लेकिन सरकार और उनके बीच नाराजगी इतनी बढ़ी कि उन्होंने योगी सरकार का साथ छोड़ दिया। ऐसे में अब वो ओवैसी के साथ चुनाव लड़ने फैसला किया है। दरअसल यूपी में सुभासपा और एआईएमआईएम पार्टियां मिलकर ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यकों के वोटर्स में अच्छी पैठ रखती हैं। 2022 विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश के सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है।

AIMIM के यूपी प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में बताया, ‘हमने सभी 75 जिलों में यूनिट का गठन करते हुए अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिया है। पार्टी कड़ी मेहनत कर रही है और करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है। लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी चीफ ओवैसी की तरफ से ही किया जाएगा।’ ओवैसी की पार्टी की तरफ से हुए इस योजना के बाद लोगों का मानना है कि, इस फैसले से मुस्लिम वोटों का ही बंटवारा होगा और नुकसान समाजवादी पार्टी को होगा।

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