नई दिल्ली। रविवार को स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदुत्व और लिंचिंग को लेकर दिए गए बयान के बाद अब सियासत तेज हो गई है। राजनीतिक पार्टियां अब इस मुद्दे को लेकर सियासत करने में जुट गई है। भागवत के बयान पर पलटवार करने वालों की लिस्ट में अब AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन का नाम भी जुड़ गया है। दरअसल भागवत के बयान पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने एक के बाद एक कई ट्विट्स किए है।
RSS के भागवत ने कहा “लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी”।इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे।ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है। 1/3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021
असदुद्दीन ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा,”लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी।”।इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे।ये नफ़रत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है”।
केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहाँ भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि “क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?” 2/3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021
असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, “केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहाँ भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि “क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?”
कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है।मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है। 3/3
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 5, 2021
जानिए क्या कहा था मोहन भागवत ने
रविवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में देश के हिंदु-मुसलमानों की एकता को लेकर बड़ा बयान दिया था। RSS प्रमुख ने कहा कि, यह सिद्ध हो चुका है कि हम पिछले 40,000 वर्षों से एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। भारत के लोगों का डीएनए एक जैसा है। हिंदू और मुसलमान दो समूह नहीं हैं, एकजुट होने के लिए कुछ भी नहीं है, वे पहले से ही एक साथ हैं।
बता दें कि मोहन भागवत ने यह बात गाज़ियाबाद में “दि मीटिंग्स ऑफ माइंड्स” नामक बुक की लॉन्चिंग के मौके पर कही।