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Maharashtra: शुक्र है, मौके पर पहुंचकर पुलिस ने स्थिति संभाल ली, नहीं तो हो जाती पालघर जैसी हिंसा, जानें पूरा माजरा

नई दिल्ली। पहली नजर में हमें प्यार ही नहीं होता…कभी-कभी पहली नजर में हम धोखा भी खा जाते हैं…जी हां…बिल्कुल ठीक पढ़ रहे हैं आप….यकीन ना हो तो साल 2020 में वाली उस निर्मम घटना को ही याद कर लीजिए…जब महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं को कुछ लोगों ने बच्चा चोर का गिरोह समझ कर मार दिया था। बाद में खूब होहल्ला हुआ। किसी ने इस पर दुख जताया तो किसी ने साधुओं को मारने के लोगों के मजमे में शुमार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही, तो किसी ने अपनी सियासी रोटियां भी सेंकी।

शुक्र है, अब इस बार किसी सियासी नुमाइंदे को अपनी सियासी रोटियां सेंकने का मौका नहीं मिला और ना ही कोई हो-हल्ला हुआ, क्योंकि इस बार भी महाराष्ट्र के पालघर में ही लोगों ने दो साधुओं को बच्चा पकड़ने वाला चोर समझ लिया था, लेकिन वो तो शुक्र है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया, नहीं तो स्थिति बिगड़ सकती थी। बता दें कि पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने पूरे मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रविवार 11:30 वनगांव थाना क्षेत्र के चंद्रनगर गांव में लोगों ने साधुओं को देखा। लोगों को लगा कि दोनों साधु बच्चा चोर गिरोह के सदस्य हैं।

इसके बाद उनके पास लोगों का मज़मा वहां इकट्ठा हो गया। इसके बाद जैसे लोगों को स्थिति के बेकाबू होने का अंदेशा तो फौरन पुलिस को इसके बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और ग्रामीणों को वहां समझा बुझाकर भेज दिया। बता दें कि इससे पहले साल 2020 में भी ग्रामीणों ने पालघर में साधुओं को बच्चा चोर समझ लिया था , जिसके बाद उनकी पीट पीट कर हत्या कर दी थी। इसे लेकर बाद में खूब बवाल हुआ था। गनीमत रही कि इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बहरहाल, आपका बतौर पाठक इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।

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