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Delhi Pollution: दिल्ली और आसपास के इलाकों में छाई है जहरीली हवा, जानिए किस वजह से है वायु प्रदूषण और कब तक सुधर सकते हैं हालात

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में रहने वालों को भयानक वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। दिवाली से पहले से ही प्रदूषण लगातार बढ़ रहा था। अब इसमें और बढ़ोतरी हुई है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक पंजाब, हरियाणा वगैरा में किसानों की तरफ से जलाई जा रही पराली है। दिल्ली में हो रहे वायु प्रदूषण में 18 फीसदी का हिस्सा पराली जलने से हो रहे धुएं का है। वहीं, गाड़ियों के प्रदूषण का हिस्सा 15 फीसदी है। कूड़ा जलाए जाने से 2 फीसदी से भी कम वायु प्रदूषण दिल्ली में हो रहा है। दिल्ली में बुधवार को कई वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई बहुत गंभीर स्थिति में पहुंच गया। एक जगह तो एक्यूआई 900 से ऊपर दर्ज किया गया। बीजेपी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी सरकार को घेरा है।

फिलहाल दिल्ली और आसपास के लोगों को अगले 2 दिन तक इसी खतरनाक वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ सकता है। वायु प्रदूषण इतना है कि दिल्ली में बुधवार सुबह घना कोहरा छाया था। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी यानी दृश्यता गिरकर 100 मीटर हो गई थी। इसकी वजह से 7 फ्लाइटों के संचालन पर असर पड़ा। इसके अलावा सड़क यातायात में भी घने कोहरे के कारण बाधा आने की खबर है। दिल्ली में हर साल दिवाली से पहले इसी तरह प्रदूषण बढ़ता है और नवंबर के मध्य या अंत तक इसमें कोई गिरावट नहीं आती। इसकी बड़ी वजह हर साल पराली जलाना होता है। पिछले साल के मुकाबले इस साल पंजाब और हरियाणा में पराली कम जली है, लेकिन इनकी संख्या फिर भी इतनी है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ गया है। अकेले पंजाब में ही पराली जलाने के 6000 से ज्यादा मामले 2 महीने में सामने आ चुके हैं।

दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताते हुए सख्त रवैया अपनाया था। पराली जलाने वाले किसानों पर बहुत कम जुर्माना लगाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माने को दोगुना कर 5000 से 30000 रुपए तक कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पूरे साल पटाखे चलाने पर भी रोक के संबंध में सुझाव मांगे हैं। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी धर्म में प्रदूषण फैलाने या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की बात नहीं कही गई है।

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