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Uttar Pradesh: सीज हुआ आगरा का पारस अस्पताल, जहां ऑक्सीजन सप्लाई रोक मॉकड्रिल करने की कोशिश में चली गई 22 मरीजों की जान

Paras Hospital Agra

आगरा। आगरा के पारस हॉस्पिटल प्रशासन पर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सिजन की सप्‍लाई रोककर 22 मरीजों को मार डालने के आरोप लग रहे हैं। उस भयावह पल को बयान करते छह मिनट के चार वीडियो वायरल हुए हैं। इनमें पारस हॉस्पिटल के संचालक अरिंजय जैन बता रहे हैं कि इस मॉकड्रिल से 22 मरीजों का दम घुटने लगा था और उनके हाथ-पैर नीले पड़ गए थे। मामला तूल पकड़ते ही यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सख्‍त रुख अख्तियार करते हुए हॉस्पिटल को सीज करने के आदेश दिए हैं।

बता दें कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल है, उसमें हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर अरिंजय जैन कहते हैं, ‘मैंने संजय चतुर्वेदी को फोन किया। वो बोले- बॉस मरीजों को समझाओ, डिस्चार्ज शुरू करो। मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं दिला सकता। मेरे हाथ पांव फूल गए और मैंने पर्सनली समझाना शुरू किया। कुछ पेंडुलम बने रहे कि नहीं जाएंगे।’


जैन कहते हैं, ‘फिर मैंने कहा- दिमाग मत लगाओ और उन्हें छांटो जिनकी ऑक्सिजन बंद हो सकती है। एक ट्रायल मार दो, हमें समझ आ जाएगा कि कौन मरेगा और कौन नहीं। इसके बाद सुबह 7 बजे मॉकड्रिल शुरू हुई। ऑक्सिजन शून्य कर दी…22 मरीज छंट गए। हाथ पैर नीले पड़ने लगे, छटपटाने लगे तो तुरंत खोल दिए।’

यूपी के मंत्री ने दिए आगरा ‘मॉक ड्रिल’ हादसे की जांच के आदेश

आगरा के एक निजी अस्पताल ने कथित’ मॉक ड्रिल’ के दौरान वीडियो जारी करके दावा किया था कि ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर देने की वजह से 22 मरीजों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने इन आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि ये निजी अस्पताल पहले भी विवादों में रहा है।

उन्होंने कहा, “अगर आरोपों में कोई सच्चाई पाई जाती है तो अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह की मॉकड्रिल चिकित्सा प्रणाली का हिस्सा है, मंत्री ने कहा कि इस तरह का अभ्यास केवल अग्निशमन प्रणाली की जांच के लिए किया गया था, न कि मरीजों की देखभाल में।


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस घटना के बारे में ट्वीट कर चुकी हैं।

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