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LJP में दो फाड़: चाचा पशुपति को मनाने उनके घर पहुंचे चिराग पासवान, 20 मिनट तक खड़े रहे दरवाजे पर

Chirag paswan

नई दिल्ली। दिवंगत नेता और मोदी सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी(LJP) में दो-फाड़ होता दिख रहा है। बता दें कि रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस इन दिनों नाराज नजर आ रहे हैं। इस बीच उन्होंने 5 सांसदों को अपने साथ लेकर LJP पर अपना अधिकार जता दिया है। ऐसे में अब चिराग पासवान अलग-थलग पड़ गए हैं। बता दें कि बिहार की राजनीति का यह बड़ा घटनाक्रम बीते दिन अचानक ही नया मोड़ ले लिया। लोक जनशक्ति पार्टी में दो फाड़ की खबरों ने सबको चौंका दिया। सोमवार को पशुपति पारस ने इसी मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे भाई रामविलास पासवान चले गए, इस वक्त हम अकेला महसूस कर रहे हैं। नाराज चाचा को मनाने को लेकर खबर यह भी सामने आई कि, चिराग पासवान चाचा पशुपति पारस को मनाने उनके घर पहुंच गए।

हालांकि चिराग भले ही चाचा के घर पहुंचे लेकिन उन्हें थोड़ी देर गेट पर ही इंतजार करना पड़ा। चिराग करीब 20-25 मिनट तक पशुपति पारस के घर के बाहर खड़े रहे और तब जाकर उनके लिए दरवाजा खुला। फिलहाल मिली जानकारी के मुताबिक चिराग के प्रवेश मिलते ही जानकारी आई कि पशुपति पारस घर में मौजूद नहीं हैं।

बता दें कि इससे पहले पशुपति पारस ने कहा कि पार्टी की बागडोर जिनके हाथ में गया, तब सभी लोगों की इच्छा थी 2014 में और इस बार भी हम एनडीए के साथ बने रहें। लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी, असमाजिक तत्व पार्टी में आ रहे थे, एनडीए से गठबंधन को तोड़ दिया और कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी गई।

चिराग पासवान के साथ संबंधों पर पारस ने कहा कि, मुझे चिराग से कोई समस्या नहीं है। पशुपति पारस ने बताया कि हमारी पार्टी के पांच सांसदों की इच्छा थी कि पार्टी को बचाना जरूरी है। मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है, बल्कि पार्टी को बचाया है। इसलिए जबतक मैं जिंदा हूं, पार्टी को जिंदा रखेंगे। अभी भी ओरिजनल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ही है। चिराग पासवान अभी तक पार्टी के अध्यक्ष हैं, लेकिन अब वह हमारे साथ आना चाहें तो आ सकते हैं।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर पशुपति पारस ने कहा कि, मैं हमेशा से ही NDA के साथ रहा हूं, हम एनडीए के साथ रहेंगे। पशुपति पारस ने कहा कि वह नीतीश कुमार को एक अच्छा लीडर मानते हैं, वह विकास पुरुष हैं।

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