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MV Chem Pluto Attack: ईरान के ड्रोन से भारत आ रहे जहाज पर किया गया हमला, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का दावा

नई दिल्ली। सऊदी अरब के एक बंदरगाह से भारत के मंगलुरु पोर्ट पर आ रहे जहाज एमवी केम प्लूटो पर ईरान के ड्रोन से हमला किया गया था। ये दावा अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन ने किया है। एमवी केम प्लूटो जहाज पर शनिवार को भारत से 217 समुद्री मील की दूरी पर ड्रोन से हमला किया गया था। ड्रोन के हमले से जहाज में आग लग गई थी। जिसे बुझा दिया गया। जहाज में कच्चा तेल लदा है और इसके कर्मीदल में तमाम भारतीय हैं। भारतीय कोस्ट गार्ड के जहाज विक्रम की मदद से इसे भारत लाया जा रहा है। एमवी केम प्लूटो जहाज इजरायल से संबंधित है और इस पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ था। माना जा रहा है कि यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने ही जहाज पर हमला किया। हमले के बाद एमवी केम प्लूटो ने आसपास के सभी जहाजों को मदद का संकेत भेजा था।

एमवी केम प्लूटो पर ड्रोन के हमले के बाद उसके कर्मीदल ने जब मदद का संदेश भेजा, तब भारतीय कोस्ट गार्ड और नौसेना के जहाज उसकी ओर रवाना किए गए। ये पहला मौका है, जब भारत आ रहे जहाज पर ड्रोन से हमला किया गया है। भारत का एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन समुद्र तट से 200 किलोमीटर की दूरी तक है। जिस वक्त एमवी केम प्लूटो पर ड्रोन से हमला हुआ, वो इस एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन से 17 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। जहाज पर ड्रोन के हमले से लगी आग को तो बुझा दिया गया, लेकिन उसके कामकाज पर असर पड़ा। ब्रिटेन की समुद्री सुरक्षा देने वाली कंपनी एंब्रे की तरफ से बताया गया है कि गुजरात के वेरावल की तरफ जहाज जा रहा था। उसी वक्त ड्रोन आकर उससे टकराया। जहाज के ढांचे पर इस ड्रोन हमले से असर होने की बात सामने आई है।

भारत की तरफ आ रहे जहाज को और हमलों से बचाने के लिए नौसेना के जहाजों को भी मौके पर भेजा गया। अरब सागर में गश्त लगा रहे भारतीय नौसेना के कई जहाज और कोस्ट गार्ड के शिप एमवी केम प्लूटो तक पहुंच गए हैं। हमास के खिलाफ इजरायल की जंग के कारण हूती विद्रोहियों ने इजरायल के सभी जहाजों को निशाना बनाने का एलान किया था। नवंबर में भी हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक मालवाहक जहाज को अगवा कर लिया था और उसे यमन ले गए थे।

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