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Anti India: देशविरोधी गतिविधियों में जुटा है PFI, छापे में मिले दस्तावेजों से हुआ संगठन के खेल का खुलासा

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तिरुवनंतपुरम। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI नाम का संगठन भारत विरोधी गतिविधियों में जुटा हुआ है। इसका खुलासा प्रवर्तन निदेशालय ED के छापे से हुआ। इस छापे में संगठन के दफ्तरों और इसके कर्ताधर्ताओं के यहां से सनसनीखेज दस्तावेज बरामद हुए हैं। पीएफआई का नाम इससे पहले सीएए विरोधी आंदोलन से भी जुड़ा है। इस संगठन ने सीएए विरोधी आंदोलन का समर्थन किया था और दिल्ली के शाहीनबाग में संगठन के दफ्तरों पर छापे में तब भी तमाम दस्तावेज मिले थे। ताजा छापों से मिले दस्तावेजों के बाद अब मोदी सरकार की ओर से पीएफआई पर बैन लगाने की संभावना बनती दिख रही है।

ईडी ने छापे के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि 8 दिसंबर को केरल में पीएफआई के दफ्तरों और इसके कर्ताधर्ता शफीक पायेथ के घर पर छापे मारे गए। ये छापे कन्नूर के पेरिंगाथूर में मारे गए हैं। शफीक पीएफआई के अलावा एसडीपीआई का भी सदस्य है। शफीक के अलावा पीएफआई के मंडल अध्यक्ष अब्दुल रज्जाक के घर भी ईडी ने छापा मारा। इनके अलावा संगठन के नेता अशरफ एमके के एर्नाकुलम के घर पर भी छापेमारी की गई। ईडी के मुताबिक पीएफआई के सदस्यों ने छापे को रोकने की कोशिश की, लेकिन बड़ी तादाद में केंद्रीय बलों की मौजूदगी की वजह से वे सफल नहीं हो सके। छापे में सनसनीखेज दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अन्य सबूत मिले। जिनसे पता चला कि पीएफआई को विदेश से बड़ी रकम मिल रही है। साथ ही संगठन ने कई प्रॉपर्टी भी हासिल की है।

ईडी ने बताया है कि जब्त दस्तावेजों से पता चला है कि पीएफआई के लोग मनी लॉन्डरिंग का काम केरल में कर रहे हैं। मुन्नार विला विस्ता प्रोजेक्ट में भी इन लोगों ने पैसा लगाया है और वहां से अवैध कमाई कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को पीएफआई के नेता बनवा रहे हैं। पीएफआई के नेताओं के बारे में पता चला है कि विदेश में भी इनकी अवैध प्रॉपर्टी है। इनमें अबुधाबी में बार और रेस्तरां भी है। पीएफआई के बारे में जांच अब भी चल रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में संगठन के देशविरोधी कामों के बारे में और जानकारी सामने आ सकती है।

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