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AMU centenary: 1964 के बाद पहली बार किसी प्रधानमंत्री का भाषण, PM मोदी बोले, मतभेदों के नाम पर बहुत समय हुआ बर्बाद

PM Narendra Modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने के मौके पर एक विशेष डाट टिकट जारी किया है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान AMU ने जिस तरह समाज की मदद की वो अभूतर्पूव है। लोगों का मुफ्त टेस्ट कराना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में एक बड़ी राशि का योगदान देना समाज के प्रति आपके दायित्यों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है। बता दें कि 22 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना के सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर शताब्दी समारोह (Centenary Celebrations) का आयोजन किया जा रहा है।



खास बात ये है कि साल 1964 के बाद पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने एएमयू के कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी से पहले दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के बाद एएमयू के समारोह में शामिल होने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। बता दें कि साल 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।

पीएम मोदी की भाषण की अहम बातें-

हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है। लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं। सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है।

समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए। जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें।

पिछली शतब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है। अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है।

आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है, उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं। इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं।

Medical education को लेकर भी बहुत काम किया गया है। 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे। आज देश में 22 एम्स हैं। शिक्षा चाहे Online हो या फिर Offline, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।

सरकार higher education में number of enrollments बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थे। आज 23 IITs हैं। वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थे। आज 25 IIITs हैं। वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे। आज 20 IIMs हैं।

एक empower women का हर फैसले में उतना ही योगदान होता है, जितना किसी और का। फिर चाहे बात परिवार को दिशा देने की हो या देश को। मैं देश की अन्य शिक्षा संस्थानों से भी कहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा बेटियों को शिक्षा से जोड़ें।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा Nation First के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पहले मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं।

देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है। देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है।

आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुँच रही हैं। बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला।

मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी। अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है।

आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं। एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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