News Room Post

बदरुद्दीन अजमल ने किया आसामी गमछे का अपमान!, वायरल वीडियो को लेकर पीएम मोदी हुए हमलावर

नई दिल्ली। असम विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए होने वाले मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के कोकराझार में एक जनसभा को संबोधित किया। इस रैली में पीएम मोदी ने असम के मान-सम्मान के मुद्दे को उठाया। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “कांग्रेस के नेता बार-बार कहते हैं कि ये ताला-चाबी वाले असम की पहचान हैं। कांग्रेस के झूठ, उसकी साजिश को समझिए। सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस इन लोगों के सामने समर्पण कर चुकी है। इस अपमान की सजा कांग्रेस को तो मिलेगी ही, इस पूरे महाझूठ को मिलेगी।” वहीं असम के विकास को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, “असम के निरंतर विकास के लिए डबल इंजन की सरकार जरूरी है। केंद्र में भी एनडीए सरकार, राज्य में भी एनडीए सरकार। जब दोनों की ताकत लगती है, तो और तेजी से काम होते हैं।”

वहीं इसी रैली में पीएम मोदी ने एक वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि, “कल एक वीडियो में पूरे असम ने देखा है कि कैसे असम की पहचान, असम की बहनों के श्रम के प्रतीक, गमोसा का सरेआम अपमान किया गया। असम को प्यार करने वाला हर व्यक्ति, इन तस्वीरों को देखकर बहुत आहत है, बहुत गुस्से में है।” दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसको लेकर कहा जा रहा है कि एक रैली के दौरान ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने मंच पर आसामी गमछे का अपमान किया है।

वीडियो में क्या है-

बता दें कि वीडियो में दावा किया गया है कि, बदरुद्दीन अजमल को मंच पर असम की पहचान आसामी गमछा पहनाया जा रहा है, जिसे वो झपटकर फेंक देते हैं। इसको लेकर पीएम मोदी ने बदरुद्दीन अजमल और कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, असम को प्यार करने वाला हर व्यक्ति, इन तस्वीरों को देखकर बहुत आहत है, बहुत गुस्से में है।

अपनी रैली में पीएम मोदी ने कहा कि, “कांग्रेस के कुशासन ने कैसे कोकराझार को सालों साल झुलसने दिया ये आप और हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। कोकराझार के युवा, बहनें और यहां का हर नागरिक हिंसा का वो दौर भूला नहीं है। जिस दल के नेताओं ने कोकराझार को हिंसा की आग में झोंका था, आज कांग्रेस ने अपना हाथ और अपना भाग्य उन लोगों को थमा दिया है।”

वहीं मुख्य धारा में लौटे लोगों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, लंबे समय के बाद असम में शांति लौटी है। जो साथी बंदूक छोड़कर लौटे हैं, उनकी हर संभव सहायता के लिए एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है। अभी भी जो साथी नहीं लौटे हैं, उनसे भी मेरा आग्रह है कि शांति और विकास के इस मिशन से आप आप भी जुड़ जाइए।

Exit mobile version