नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर विपक्षी दलों पर जोरदार निशाना साधते हुए उनको मुट्ठीभर बताया है। पीएम मोदी ने सोमवार को संसद सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने संसद में हंगामा करने वाले विपक्षी दलों को निशाने पर लिया। मोदी ने कहा कि मुट्ठीभर लोग चर्चा नहीं होने देते। मोदी ने कहा कि संसद में हंगामा कर कार्यवाही को बाधित करने वालों को जनता की आकांक्षाओं से मतलब नहीं है। मोदी ने कहा कि वे जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते। मोदी ने विपक्षी दलों के बारे में कहा कि उनको दायित्वों की परवाह नहीं है। जिनको जनता ने नकार दिया, वे लोकतंत्र और अपने साथियों की भावनाओं का अनादर करते हैं। मोदी ने कहा कि वो पहले भी कई बार विपक्ष से आग्रह कर चुके हैं कि वे संसद में स्वस्थ चर्चा होने दें, लेकिन उन्होंने इसे भी नहीं सुना।
#WATCH | Delhi: PM Narendra Modi says, “Some people who have been rejected by the people are constantly trying to control the Parliament through hooliganism by a handful of people. The people of the country count all their actions and when the time comes, they also punish them.… pic.twitter.com/qUhCsb2Ae6
— ANI (@ANI) November 25, 2024
#WATCH | #ParliamentWinterSession | Prime Minister Narendra Modi says “The public has to reject them (Opposition) again and again…It is a condition of democracy that we respect the feelings of the people and work hard day and night to live up to their hopes and expectations.… pic.twitter.com/pNHKtcXYxF
— ANI (@ANI) November 25, 2024
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ है। संसद का ये शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलने वाला है। इस दौरान मोदी सरकार वक्फ संसोधन बिल, वन नेशन वन इलेक्शन बिल और अन्य विधेयक लाने वाली है। वक्फ संशोधन बिल और वन नेशन वन इलेक्शन बिल के खिलाफ विपक्ष ने पहले ही अपनी आपत्ति जताई है। वक्फ संशोधन बिल पर गठित संसद की संयुक्त समिति यानी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि संसद सत्र की शुरुआत में ही उनकी तरफ से रिपोर्ट दे दी जाएगी। वहीं, विपक्षी दलों ने जेपीसी की समयसीमा और बढ़ाने की मांग की थी। वहीं, वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। जिसके बाद मोदी कैबिनेट ने भी इसके पक्ष में प्रस्ताव पास किया था।
संसद के शीतकालीन सत्र में हर बार की तरह विपक्ष ने अडानी और मणिपुर के मसलों पर चर्चा की मांग की है। साथ ही संभल में हुई हिंसा पर भी विपक्ष चर्चा चाहता है। ऐसे में संसद में लगातार हंगामा और कार्यवाही स्थगित होने के पूरे आसार दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी को देखते हुए पीएम मोदी की तरफ से हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों को निशाने पर लिया गया। अब देखना है कि संसद का शीतकालीन सत्र कितने दिन बिना हंगामे के चलता है और मोदी सरकार वक्फ और वन नेशन वन इलेक्शन जैसे अहम बिल किस तरह पास कराती है।