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खिलौना निर्माण को कैसे बढ़ावा दिया जाए, पीएम मोदी ने की मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को भारतीय खिलौने के विनिर्माण और वैश्विक छाप को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में पीएम ने कहा कि भारत कई हजार कारीगरों का घर है। पीएम मोदी ने कहा, भारतीय कारीगर जो न केवल सांस्कृतिक से जुड़ाव रखते हैं, बल्कि कम उम्र में बच्चों के बीच जीवन-कौशल और मनो-कौशल का निर्माण करने में भी मदद करते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की जानकारी दी।

बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह के समूहों को नए और रचनात्मक तरीकों से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। मंत्रियों ने इस बैठक में कहा कि भारतीय खिलौना बाजार में बड़ी संभावनाएं हैं और यह आत्मनिर्भपर अभियान के तहत Vocal for Local को बढ़ावा देकर उद्योग में एक परिवर्तनकारी बदलाव ला सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और वैश्विक मानकों को पूरा करने वाले गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण करना चाहिए।

एक बच्चे के दिमाग को ढालने में खिलौनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में भारतीय संस्कृति और लोकाचार से जुड़े खिलौनों को शैक्षणिक उपकरणों के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि युवाओं को नए डिजाइन और खिलौनों के साथ आने के लिए संलग्न किया जाना चाहिए जो राष्ट्रीय लक्ष्यों और उपलब्धियों के प्रति गर्व की भावना पैदा कर सकते हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि खिलौने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को आगे बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट माध्यम हो सकते हैं। उन्होंने आगे पर्यटन को एक उपकरण के रूप में भारत की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया, जो कि दस्तकारी वाले खिलौनों के लिए प्रसिद्ध हैं।

दरअसल, कोरोनावायरस के कारण देशभर के स्कूल बंद हैं। बच्चे घरों में ही पढ़ाई और खेलकूद रहे हैं। इसका सकारात्मक असर खिलौना व्यापार पर पड़ा है।

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