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प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बोले PM मोदी, कोरोना के दौर में भारत ने बढ़ाई अपनी ताकत, हमारी वैक्सीन का दुनिया को था इंतजार

PM Narendra Modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (Pravasi Bharatiya Divas 2021) को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि कि नई पीढ़ी जड़ से भले दूर हो जाएं, लेकिन उसका जुड़ाव उतना ही बढ़ रहा है।

पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें-

दुनियाभर में भारतीय समुदाय के साथ बेहतर कनेक्टिविटी के लिए रिश्ता नाम का नया पोर्टल शुरु किया गया है। इस पोर्टल से मुश्किल समय में अपने समुदाय से संपर्क करना, उन तक पहुंचना आसान होगा।

भारत सरकार हर समय, हर पल आपके साथ, आपके लिए खड़ी है। दुनियाभर में कोरोना लॉकडाउन से विदेशों में फंसे 45 लाख से ज्यादा भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत लाया गया। विदेशों में भारतीय समुदायों को समय पर सही मदद मिले इसके लिए हर संभव प्रयास किए गए।

महामारी के इस दौर में भारत ने फिर दिखा दिया कि हमारा सामर्थ्य क्या है, हमारी क्षमता क्या है। इतना बड़ा लोकतांत्रिक देश जिसकी एकजुटता के साथ खड़ा हुआ उसकी मिशाल दुनिया में नहीं है।

कोरोना काल में आज भारत दुनिया के सबसे कम मृत्यु दर और सबसे अधिक रिकवरी रेट वाले देशों में है। आज भारत एक नहीं, बल्कि दो मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है।

भारत ने जो नई व्यवस्थाएं विकसित की हैं उनकी कोरोना की इस समय में वैश्विक संस्थाओं ने प्रशंसा की है। आधुनिक टेक्नोलॉजी ने गरीब से गरीब को मजबूत करने का जो अभियान आज भारत में चल रहा है उसकी चर्चा विश्व के हर कोने में है, हर स्तर पर है।

आप सभी ने जहां आप रह रहे हैं वहां और भारत में कोविड के खिलाफ लड़ाई में बड़ा योगदान किया है। पीएम केयर्स में दिया गया आपका योगदान भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर रहा है।

बीता साल हम सभी के लिए बहुत चुनौतियों का साल रहा है, लेकिन इन चुनौतियों के बीच विश्वभर में फैले भारतीय मूल के साथियों ने जिस तरह काम किया है, अपना फर्ज निभाया है वो हम सभी के लिए गर्व की बात है। यही तो हमारी मिट्टी के संस्कार हैं।

दुनियाभर से हजारों साथियों ने भारत को जानिए क्विज कॉम्पीटिशन में हिस्सा लिया है। ये संख्या बताती है कि जड़ से भले दूर हो जाएं, लेकिन नई पीढ़ी का जुड़ाव उतना ही बढ़ रहा है।

आप सभी साथियों को हर साल प्रवासी भारतीय सम्मान देने की परंपरा है। अटल बिहारी वाजपेयी जी के मार्गदर्शन में जो यात्रा शुरू हुई उसमें अभी तक 60 अलग-अलग देशों में रहे करीब 240 लोगों को ये सम्मान दिया गया है, इस बार भी इसकी घोषणा की जाएगी।

आज दुनिया के कोने-कोने से हमें भले इंटरनेट से जोड़ा गया है। लेकिन हम सबका मन हमेशा से मां भारतीय से जुड़ा है, एक दूसरे के प्रति अपनत्व से जुड़ा है।

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