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Modi Govt: सरकार की छवि तेज-तर्रार बनाने में जुटे PM मोदी, काम न करने वाले कर्मचारियों की आएगी शामत

नई दिल्ली। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कई वरिष्ठ मंत्रियों को अपनी कैबिनेट से बाहर कर दिया। कई युवा मंत्रियों को उन्होंने अच्छे कामकाज की वजह से ज्यादा जिम्मेदारी भी सौंपी। अब मोदी अपनी सरकार की छवि तेज-तर्रार बनाने में भी जुट गए हैं। काम न करने वाले सरकारी कर्मचारियों और अफसरों की शामत आने वाली है। मोदी के निर्देश पर 50 साल से ज्यादा उम्र के केंद्रीय सचिवालय सेवा के कर्मचारियों और अंडर सेक्रेटरी स्तर के अफसरों के कामकाज की समीक्षा शुरू हो गई है। कार्मिक मंत्रालय की समीक्षा में काम न करने वाले कर्मचारियों और अंडर सेक्रेटरीज की पहचान होगी और उन्हें हटाया जा सकता है। पहले भी मोदी सरकार ठीक से काम न करने वाले कई अफसरों को समय से पहले रिटायर कर चुकी है।

फिलहाल ज्यादा छुट्टी लेने वाले, संदिग्ध तौर पर ज्यादा संपत्ति होने, भ्रष्टाचार या खराब स्वास्थ्य के कारण कामकाज में कमजोर रहने वालों की पहचान हो रही है। आठ मानदंडों पर इनका परफॉरमेंस देखा जा रहा है। मोदी सरकार पिछले साल ही कह चुकी है कि नियमों के तहत पहले रिटायर करना दंड नहीं है। तीन महीने के नोटिस या तीन महीने की तनख्वाह देकर ऐसा किया जा सकता है।

कार्मिक मंत्रालय के निर्देश के तहत हर मंत्रालय और विभाग में रजिटर रखा गया है। इसमें हर तिमाही में कर्मचारी और अफसर के कामकाज को दर्ज करना होता है। सरकार किसी भी मामले में दोबारा समीक्षा करा सकती है और कर्मचारी के बारे में लिए गए फैसले को पलट सकती है। समीक्षा में अंडर सेक्रेटरीज के पूरे सेवाकाल में कामकाज को देखा जाएगा।

कर्मचारी और अफसर के कामकाज की समीक्षा के बाद उसके बारे में पूरी जानकारी ई-मेल से कार्मिक मंत्रालय को भेजी जाएगी। इसके लिए एक फॉर्म तैयार किया गया है। इस फॉर्म में 15 कॉलम है। इन सभी कॉलम को भरना जरूरी है। ताकि पता चल सके कि संबंधित कर्मचारी या अफसर किस मामले में कमजोर है और किस मामले में उसका कामकाज बढ़िया है। ऐसे कर्मचारी और अफसर को सरकार खुद में सुधार का मौका भी दे सकती है।

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