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France’s Cartoon Controversy: सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में ‘फ्रांस कार्टून विवाद’ पर पीएम मोदी ने कही ये बात

pm modi kevadia

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर पीएम मोदी एकता दिवस समारोह में हिस्सा लेते हुए फ्रांस कार्टून विवाद को लेकर भी अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने इसके अलावा पुलवामा हमले पर भी विपक्ष को निशाने पर लिया। फ्रांस में कार्टून विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ देशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रगति के इन प्रयासों के बीच, कई ऐसी चुनौतियां भी हैं जिसका सामना आज भारत, और पूरा विश्व कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से दुनिया के अनेक देशों में जो हालात बने हैं, जिस तरह कुछ लोग आतंकवाद के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं, वो आज वैश्विक चिंता का विषय है। पीएम ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आतंकी घटनाओं का समर्थन किसी भी कीमत पर उचित और अस्वीकार्य है।

पीएम ने कहा कि आज के माहौल में, दुनिया के सभी देशों को, सभी सरकारों को, सभी पंथों को, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की बहुत ज्यादा जरूरत है. शांति-भाईचारा और परस्पर आदर का भाव ही मानवता की सच्ची पहचान है। आतंकवाद-हिंसा से कभी भी, किसी का कल्याण नहीं हो सकता है।

वहीं पुलवामा हमले को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “जिस प्रकार पाक संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, ये लोग किस हद तक जा सकते हैं, पुलवामा हमले के बाद की गई राजनीति, इसका बड़ा उदाहरण है।” उन्होंने कहा कि, “देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी। पिछले दिनों पड़ोसी देश से जो ख़बरें आई हैं जिस प्रकार वहां की संसद में सत्य स्वीकारा गया है, उसने इन लोगों के असली चेहरों को देश के सामने ला दिया है।” पीएम मोदी ने कहा कि, “हमें ये हमेशा याद रखना है कि हम सभी के लिए सर्वोच्च हित- देशहित है। आज अवसर है इस विराट और भव्य व्यक्तित्व के चरणों मे हम उसी भारत के निर्माण का संकल्प दोहराएं, जिसका सपना सरदार पटेल ने देखा था।”

पीएम मोदी ने कहा कि, “मैं ऐसे राजनीतिक दलों से आग्रह करूंगा कि, देश की सुरक्षा के हित में, हमारे सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए, कृपा करके ऐसी राजनीति न करें। अपने स्वार्थ के लिए, जाने-अनजाने आप देशविरोधी ताकतों की हाथों में खेलकर, न आप देश का हित कर पाएंगे और न ही अपने दल का।”

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