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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर नरेंद्र मोदी का वार, कहा-मजबूरी के फैसलों को बताया जाता था सुधार!

पीएम मोदी(PM Modi)ने कहा कि, देश में चल रहा Structural Reforms का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। Transparent Taxation – Honouring The Honest, 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है।

नई दिल्ली। टैक्स प्रणाली को और सरल करने के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। इस दौरान पीएम मोदी ने करदाताओं को लेकर कहा कि, देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि, जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है।

इस मौके पर कांग्रेस सरकार की कमियां गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘एक दौर था जब हमारे यहां रिफॉर्म्स की बहुत बातें होती थीं। कभी मजबूरी में कुछ फैसले लिए जाते थे, कभी दबाव में कुछ फैसले हो जाते थे, तो उन्हें रिफॉर्म कह दिया जाता था। इस कारण इच्छित परिणाम नहीं मिलते थे। अब ये सोच और अप्रोच, दोनों बदल गई है।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारे लिए रिफॉर्म का मतलब है, रिफॉर्म नीति आधारित हो, टुकड़ों में नहीं हो, Hollistic हो और एक रिफॉर्म, दूसरे रिफॉर्म का आधार बने, नए रिफॉर्म का मार्ग बनाए और ऐसा भी नहीं है कि एक बार रिफॉर्म करके रुक गए. ये निरंतर, सतत चलने वाली प्रक्रिया है।’

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जहां Complexity होती है, वहां Compliance भी मुश्किल होता है। कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हो तो टैक्सपेयर भी खुश रहता है और देश भी। बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है. अब जैसे, दर्जनों टैक्स की जगह जीएसटी आ गया।’

पीएम मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं। उन्होंने कहा कि, देश में चल रहा Structural Reforms का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। Transparent Taxation – Honouring The Honest, 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है।

उन्होंने कहा कि, जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी। आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें।

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