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राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी को कैबिनेट से हरी झंड़ी मिलने के बाद पीएम मोदी ने कही ये बात

Narendra Modi

नई दिल्ली। बुधवार को मोदी कैबिनेट ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी यानि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (National Recruitment Agency) के गठन को हरी झंडी दे दी है। ये जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर (Union Minister Prakash Javadekar) ने दी। ये एजेंसी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानि आम प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगी। प्रकाश जावडेकर ने कहा कि नौकरी के लिए युवाओं को बहुत परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। 20 भर्ती एजेंसियां हैं, ऐसे में हर एजेंसी के लिए परीक्षा देने के लिए कई जगह जाना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘अब नैशनल रिक्रूटमेंट एंजेसी (राष्ट्रीय भर्ती परीक्षा) कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेगी। इससे करोड़ों युवाओं को लाभ मिलेगा।’

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ट्वीट कर कहा कि इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को बल मिलेगा। पीएम मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन देश के करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे अलग-अलग परीक्षाओं से मुक्ति मिलेगी और समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत होगी।

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। साझा पात्रता परीक्षा के जरिए यह अलग-अलग परीक्षाओं को समाप्त करेगी और समय के साथ संसाधनों की भी बचत होगी। इससे पारदर्शिता को और बल मिलेगा।’

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली ने एजेंसी के लाभों के बारे में बताते हुए कहा, केंद्र सरकार में 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं, हालांकि हम अभी केवल तीन एजेंसियों की परीक्षाओं को कामन बना रहे हैं। कुछ ही समय में हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट कराने में सक्षम होंगे।

मोदी सरकार द्वारा इस वर्ष के केंद्रीय बजट में राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) का प्रस्ताव किया गया था। एजेंसी को एक स्वतंत्र संगठन बनाया जाना है, जो सरकारी नौकरियों में चयन के लिए एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करेगी।

वर्तमान में सरकारी भर्ती के उद्देश्य के लिए लोक सेवा आयोग (UPSC) और कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है। सरकार को भरोसा है कि यह नया निकाय केवल उम्मीदवारों के लिए ही नहीं, बल्कि सरकार के लिए भी मामले को आसान बनाएगा।

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