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Modi In Arichal Munai: अपने अनुष्ठान के तहत भगवान राम के जीवन से जुड़े अरिचल मुन्नई पहुंचे पीएम मोदी, यहीं से वानर सेना ने लंका तक बांधा था सेतु

रामेश्वरम। पीएम नरेंद्र मोदी राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन का अनुष्ठान कर रहे हैं। अपने इस अनुष्ठान के तहत मोदी यम नियमों का पालन कर रहे हैं। वो जमीन पर सोते हैं और सुबह साढ़े 3 बजे के करीब उठकर नहाने के बाद पूजा-पाठ करते हैं। मोदी लगातार उपवास पर हैं और वो सिर्फ नारियल का पानी ही पी रहे हैं। अपने अनुष्ठान के तहत पीएम मोदी भगवान राम के जीवन से जुड़े मंदिरों में जा रहे हैं और वहां पूजन-अर्चन कर रहे हैं। मोदी आज सुबह रामेश्वरम के पास धनुषकोडि नाम की जगह पहुंचे। धनुषकोडि में अरिचल मुन्नई नाम की जगह है। समुद्र के पास पत्थर इस जगह बिछे हैं। भगवान राम के जीवन से अरिचल मुन्नई गहरे जुड़ा हुआ है। इसी वजह से पीएम मोदी ने यहां का दौरा किया।

रामायण में वर्णन है कि रामेश्वरम में बालू से शिवलिंग बनाकर पूजा करने के बाद धनुषकोडि से ही लंका तक नल और नील के निर्देशन पर वानर सेना ने रामसेतु को बनाया था। बताया जाता है कि धनुषकोडि का अरिचल मुन्नई ही वो जगह है, जहां से रामसेतु को बनाने का काम शुरू हुआ था। इस जगह से श्रीलंका की दूरी करीब 35 किलोमीटर है। अभी जिस संरचना को रामसेतु बताया जाता है, वो सीधी रेखा की जगह जगह-जगह घुमावदार है। इस रामसेतु के नीचे 6 छोटे द्वीप भी होने की बात कही जाती है। पीएम मोदी ने अरिचल मुन्नई पहुंचकर फूलों और अन्य वस्तुओं से समुद्र के पास पूजा भी की। उन्होंने दूरबीन से रामसेतु के हिस्सों को भी देखा। इसके बाद पीएम मोदी ने कोथंडराम स्वामी मंदिर जाकर पूजा की।

इससे पहले पीएम मोदी ने शनिवार को रामेश्वरम और श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर जाकर पूजा की थी। मोदी ने नासिक के मंदिर से भगवान राम से जुड़े स्थलों पर जाने की शुरुआत की थी। वो आंध्र प्रदेश, केरल में भी भगवान राम के जीवन से जुड़े मंदिरों में गए थे। तमिलनाडु के आज दौरे के बाद पीएम मोदी को कल अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में यजमान के तौर पर शामिल होना है। साल 2020 में मोदी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। सोमवार को दोपहर 12.30 बजे 84 सेकेंड के मुहूर्त में वो रामलला के नए विग्रह की आंखों से पट्टी हटाकर प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।

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