News Room Post

Video: जागे हो?…जब आधी रात विदेश मंत्री जयशंकर के पास आया PM मोदी का फोन, उठाते ही एक के बाद एक दागे ये सवाल

jayshankar

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लोकप्रिय, और प्रभावशाली नेताओं में से एक माना जाता है। 2014 में देश की कमान अपने हाथों में लेने के बाद से ही पीएम मोदी ने ऐसे-ऐसे फैसले लिए जिन्हें लेते हुए लोगों सौ बार सोचते हैं। पीएम मोदी के फैसले लेने की इस क्षमता का तो विपक्ष भी कायल है। कई मौकों पर ऐसा देखने को मिला है जब देश में मौजूद विपक्षी पार्टियों द्वारा पीएम मोदी के कदमों की सराहना की गई है। ये कहना गलत नहीं होगा कि पीएम मोदी की वजह से भारत की आज दुनिया के मजबूत देशों में गिनती होती है। आज हर देश भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने में लगा हुआ है।

पीएम मोदी देश की सुरक्षा और भारत से जुड़े मुद्दों पर कितने सजग रहते हैं इसका उदाहरण हाल ही में देखने को मिला है। दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क में हैं। यहां एक कार्यक्रम में जयशंकर ने पीएम मोदी से जुड़ा उस वक्त का एक किस्सा सुनाया जब अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारतीय वहां फंसे हुए थे।

क्या था वो किस्सा…

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि मुझे वो वक्त याद है जब आधी रात अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में हमारे कॉन्सुलेट के पास ही धमाका हुआ था। हम उस वक्त मौजूदा हालातों पर अपनी नजर बनाए हुए थे। इस दौरान हम फोन के जरिए अधिकारियों के संपर्क में थे। तभी मेरा फोन बजा। मैंने देखा तो फोन पर कॉलर आईडी नहीं दिख रही थी। आम तौर पर प्रधानमंत्री जब फोन करते हैं तो उनकी कॉलर आईडी नहीं दिखती। ऐसे में मुझे लगा कि शायद पीएम मोदी ही हैं और जैसे ही मैंने फोन उठाया वो सच में पीएम मोदी थे। फोन उठाते ही पीएम मोदी का पहला सवाल जागे हो? आता है। उस वक्त 12.30 बजे थे ऐसे में मैंने कहा कि हां सर जागा हूं। इसके बाद पीएम मोदी कहते हैं, ‘टीवी देख रहे हो’। वहां पर क्या हो रहा है। इसके बाद मैं पीएम मोदी को अफगानिस्तान के हालातों के बारे में बताता हूं कि सर हमला चल रहा है।


मेरी (जयशंकर) बात सुनकर पीएम मोदी कहते हैं अच्छा, जब सब खत्म हो जाए तो मुझे फोन करना। जब मैं ये कहता हूं कि सर इसमें तो 2 से 3 घंटे का समय लग जाएगा. मैं आपके यहां बता दूंगा। तो उनकी (पीएम) तरफ से आता है ‘मुझे फोन कर देना’। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जयशंकर कहते हैं कि मैं यहां ये सब बातें इसलिए बता रहा हूं क्योंकि ताकी सभी को पता चले कि सत्ता (सरकार) में मौजूद लोग ऐसे मौके पर कितने सक्रिय रहे। हमारे प्रधानमंत्री में वो गुण हैं कि वो हर वक्त में साथ खड़े रहते हैं। चाहे वो कोरोना काल हो या फिर कोई और मौका, पीएम मोदी की काम को लेकर सक्रियता हमेशा देखने को मिलती है।

गौरतलब हो कि बीते साल तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपना कब्जा जमा लिया था। तालिबान के कब्जे के बाद भारत सरकार ने वहां मौजूद भारतीय को निकालने के लिए पहल की थी। भारत सरकार के उस ऑपरेशन को देवशक्ति नाम दिया गया था।

Exit mobile version