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SAARC देशों से PM मोदी की चर्चा, सार्क देशों के इमर्जेंसी फंड के लिए कर दी बड़ी घोषणा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने चीन के बाद अब यूरोप पर अपना कबजा जमाना शुरु कर दिया है। जहां एक तरफ फ्रांस में कोरोना वायरस से अबतक करीब 500 मामले सामने आए हैं। वहीं 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बात की जाए इटली की तो वहां भी कोरोना के केस कम होने का नाम नहीं ले रहे। इटली में 24 घंटे में कोरोना वायरस के 3497 नए केस पाए गए हैं।

पूरी दुनिया कोरोना के खौफ में है, देश-विदेश में कोरोना को महामारी घोषित कर दिया गया है। इस जानलेवा वायरस की चपेट में आकर भारत में 2 लोग काल के गाल में समा चुके हैं। केंद्र सरकार ने कोरोना को राष्ट्रीय आपदा तक घोषित कर दिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महामारी से निपटने के लिये देश और वैश्विक स्तर पर अभियान चला रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सार्क देशों के नेताओं से चर्चा की जिसमें श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोली, भूटान के प्रधानमंत्री, नेपाल के प्रधानमंत्री शामिल थे।

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस पर रविवार को सार्क देशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। पीएम मोदी ने कहा कि हमें कोरोना से घबराने की नहीं बल्कि साथ लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सार्क देशों को सावधानी बरतनी होगी।

उन्होंने कहा, “मैं इतने कम वक्त में इस चर्चा में शामिल होने के लिए आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं। मैं खासकर पीएम ओली का शुक्रिया अदा करता हूं, जो सर्जरी के तुरंत बाद हमारे साथ चर्चा में शामिल हो रहे हैं।”

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना विकासशील देशों के लिए चुनौती ज्यादा है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने की बड़ी पहल की है। उन्होंने सार्क देशों के लिए इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए भारत की ओर से 10 मिलियन डॉलर (एक करोड़ डॉलर) देने की घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि भारत ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए शुरुआत से ही आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था कर दी थी, ताकि विदेश से निकाले गए लोगों और अन्य कोरोना संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा जा सके। यहां तक कि अमेरिका से पहले भारत ने एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। भारत ने एयरपोर्ट पर 22 जनवरी से जांच शुरू कर दी थी, जबकि अमेरिका ने 25 जनवरी के बाद यह कदम उठाया।

भारत ने चीन, ईरान, इटली आदि देशों से हजारों भारतीयों को निकाल कर देश वापस लाया है। रविवार को ही ईरान से 234, जबकि इटली से 218 भारतीयों को वतन वापस लाया गया है।

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भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा कि मैं पीएम मोदी को सबको साथ लाने के लिए शुक्रिया कहता हूं। इस बीमारी से निपटने के लिए सबका साथ आना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा पहला मामला सामने आने के बाद उसके इलाज और उसके संपर्क में आने वाले 48 लोगों की पहचान के लिए हमने काफी मेहनत की है।

कोरोना को लेकर सार्क देशों की चर्चा में शामिल पाकिस्तान के प्रतिनिधि जफर मिर्चा ने कहा कि जिस तरह कोरोना से 138 देश प्रभावित हैं, इसलिए कोई भी देश इसके लिए कदम उठाए बिना नहीं रह सकता है। इसके साथ ही पाक प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान कोविड-19 (कोरोना वायरस) के फैलाव को सीमित करने में अब तक सफल रहा है। WHO ने भी इसकी प्रशंसा की है।

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने पीएम मोदी के इस चर्चा के आयोजन के लिए शुक्रिया किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नेपाल में कई एजेसिंयों की को-ऑर्डिनेशन कमिटी बनाई गई है। हमने विदेशियों और नॉन रेसिडेंट नेपाली लोगों मूवमेंट पर रोक लगा दी है।

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा कि हमने सभी जिलों के अस्पतालों में कोविड-19 (कोरोना वायरस) के मरीजों के लिए स्पेशल बेड लगाए हैं। हमारे पास काफी टेस्टिंग किट, इन्फ्रारेड थर्मामीटर आदि हैं।

बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने सार्क देशों की वीडियो कांफ्रेंसिंग करने को लेकर पीएम मोदी के इस कदम को शुक्रिया के साथ ही वुहान से बांग्लादेश के 23 छात्रों को निकालने के लिए भी धन्यवाद भी किया है।

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा कि श्री लंका वापस आने वालों लोगों को 14 दिनों की निगरानी में रखा जा रहा है। हमने यूनिवर्सिटीज और शिक्षण संस्थानों को भी बंद कर दिया है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा कि पीएम मोदी का इस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन करने के लिए शुक्रिया। हमारी बड़ी चुनौती है कि इस वायरस को श्रीलंका में फैलने से रोकना है।

मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलीह ने कोरोना वायरस (COVID-19) की चुनौती से निपटने के लिए क्षेत्रीय पहल के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने COVID-19 से निपटने के लिए समन्वित दृष्टिकोण का समर्थन किया है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी देश अकेले स्थिति से नहीं निपट सकता है।

न्होंने बताया कि मालदीव में कोरोना वायरस का पहले केस सामने आने के बाद पर्यटन में काफी गिरावट दर्ज की गई है। अगर पर्यटकों की कमी जारी रही तो मालदीव के अर्थव्यवस्था पर काफी असर होगा।

इस मौके पर अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए टेली मेडिसिन के सामान्य ढांचे का प्रस्ताव दिया है।

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