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Budget 2023: बजट पर PM मोदी का पहला रिएक्शन, जानें क्या कुछ कहा

pm modi

नई दिल्ली। बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। यह मोदी सरकार का पांचवां और अमृतकाल का पहला बजट था। आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस बजट के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। बजट में कई वस्तुओं  की कीमत में रियायत बरती गई है, तो वहीं रेलवे, पर्यटक उद्योग, एविएशन सेक्टर पर विशेष ध्यान रखा गया है। इसके अलावा मध्य वर्ग को टैक्स में राहत भी दी गई है। वहीं, अब पीएम मोदी का बजट पर पहला रिएक्शन सामने आया है। आइए, आपको बताते हैं कि उन्होंने बजट पर क्या कुछ कहा है।

बजट पर पीएम मोदी ने क्या कहा ?

परंपरागत रूप से अपने हाथों से देश के लिए मेहनत करने वाले ‘विश्वकर्मा’ इस देश के निर्माता हैं। पहली बार ‘विश्वकर्मा’ के प्रशिक्षण और सहायता से संबंधित योजना बजट में लाई गई है।

पीएम मोदी ने आगे अपने संबोधन में कहा कि, ‘परंपरागत रूप से अपने हाथों से देश के लिए मेहनत करने वाले ‘विश्वकर्मा’ इस देश के निर्माता हैं। पहली बार ‘विश्वकर्मा’ के प्रशिक्षण और सहायता से संबंधित योजना बजट में लाई गई है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अमृत ​​काल का पहला बजट विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखेगा। यह बजट गरीब, मध्यम वर्ग, किसान सहित आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘आइए, नए बजट के नए संकल्पों को लेकर चलें और वर्ष 2047 में समृद्ध भारत, समर्थ भारत और हर प्रकार से संपन्न भारत की यात्रा को आगे बढ़ाएं। जीवन के हर क्षेत्र में भारत का मध्यम वर्ग एक प्रमुख धारा बना हुआ है। समृद्ध और विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए मध्यम वर्ग एक बहुत बड़ी ताकत है। इस वर्ग को सशक्त बनाने के लिए हमने टैक्स रेट को कम किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400% से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश होगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी को आय के नए अवसर पैदा करेगा।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, ‘ आज जब मिलेट्स पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहा है तो उसका सर्वाधिक लाभ भारत के छोटे किसानों के नसीब में है।अब इस ‘सुपर फूड’ को ‘श्री अन्न’ के नाम से एक नई पहचान दी गई है। ‘श्री अन्न’ से हमारे छोटे किसानों और किसानी करने वाले आदिवासी भाई-बहनों को आर्थिक सबल मिलेगा।

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