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WB: ‘केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग में नहीं है PM मोदी का हाथ’, ममता बनर्जी ने की प्रधानमंत्री की तारीफ, विपक्षी खेमे में खलबली

नई दिल्ली। इस रिपोर्ट में हम आपको जिस खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, उसे जानकर आप संभवत: हैरान हो जाएंगे। आपको हमारी लिखी बातों पर यकीन नहीं होगा। हो सकता है कि आपको पढ़ते समय लगे कि आपको कोई गलतफहमी हो रही है या आपको लगे कि शायद लिखने वाले ने ही कोई गलत जानकारी दे दी है, लेकिन आपको बता दें कि हम आपको जो बताने जा रहे हैं, वो सो टका सत्य है, और इस सत्य ने अभी राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचाकर रख दिया है। आप ही नहीं, बल्कि जिस किसी को भी इसके बारे में पता लग रहा है, उसे यकीन ही नहीं हो रहा है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है। आइए, तफसील से पूरा माजरा जानते हैं।

दरअसल, खबर है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। जी हां…बिल्कुल…हैरान मत होइए…आप जो भी पढ़ रहे हैं, बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं, जब हमें पता लगा कि ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है, तो हमें भी यकीन नहीं हुआ था। आइए, आपको उस स्थिति से अवगत कराते हैं, जिसमें ममता ने पीएम मोदी के नाम तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। हुआ यूं था कि टीएमसी ने केंद्रीय जांच एसेंजियों के दुरुपयोग के विरोध में बीजेपी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया था, जिसका बीजेपी ने जमकर विरोध किया था। लेकिन, इस बीच सीएम ममता ने पीएम मोदी के बारे में जो कह दिया, उसे जानकर किसी के भी विश्वास नहीं हुआ। सीएम ममता ने यह कहकर सभी के होश फाख्ता ही कर दिए कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग में प्रधानमंत्री का कोई हाथ नहीं है।

बहरहाल, ममता द्वारा पीएम मोदी की कि गई तारीफ के कई मायने निकाले जा रहे हैं। सियासी विश्लेषकों का कहना है कि ममता द्वारा की गई पीएम मोदी की तारीफ ने यह बात साफ कर दी है कि विपक्ष में टूट का सिलसिला शुरू हो चुका है। विपक्ष के पास ऐसा कोई सर्वमान्य नेता नहीं है, जिस पर आंख बंदकर करके विश्वास किया जा सकें, इसलिए आज सीएम ममता बनर्जी पीएम मोदी की तारीफ करने पर मजबूर हो चुकी है। गौरतलब है कि एक तरफ जहां राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सभी विपक्षियों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं विपक्षियों के बीच इस बात को लेकर अभी तक संशय के बादल नहीं छंटे हैं कि आखिर उनकी अगुवाई कौन करेगा? आखिर किस पर विश्वास किया जा सकें। सियासी विश्लेषकों के मानें तो विपक्षी अभी खुद को एकजुट करना तो दूर की बात, बल्कि अभी नेतृत्व संकट से ही जूझ रहा है। जिसे ध्यान में रखते हुए ममता का उपरोक्त बयान प्रासंगिक माना जा रहा है।अब आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ममता बनर्जी के रुख में किस तरह का परिवर्तन देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

आपको बता दें कि आज टीएमसी द्वारा बंगाल विधानसभा में बीजेपी के खिलाफ पेश किए गए निंदा प्रस्ताव के पक्ष में 189 तो विरोध में 69 मत पड़े थे। इस बीच ममता ने कहा कि वे  केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किए जाने अनैतिक कार्यों के विरोध में है। वहीं, विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने उक्त निंदा प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह केंद्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ है। बहरहाल, इस बीच विधानसभा में उक्त निंदा प्रस्ताव को लेकर दोनों ही दलों के बीच जमकर जुबानी जंग देखने को मिला है। लेकिन, आखिरकार यह पारित हो ही गया। अब आगामी दिनों में ममता बनर्जी का पीएम मोदी के प्रति रुख कैसा रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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