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Bank Deposit Programme: डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रोग्राम को PM मोदी ने किया संबोधित, गिनाए इसके फायदे

PM Modi

नई दिल्ली। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘जमाकर्ता प्रथम: पांच लाख रुपए तक गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान’ विषय पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। इस दौरान कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman), आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) भी मौजूद रहे। खास बात ये है कि जैसे ही पीएम मोदी कार्यक्रम में पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने मोदी-मोदी के नारों से गूंज पड़ा। इतना ही नहीं लोगों ने भारत माता की जय और जयश्रीराम के नारे भी लगाए।

पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें-

आज समय की मांग है कि भारत का बैंकिग सेक्टर देश के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पहले से ज्यादा सक्रियता से काम करे। आजादी के अमृत महोत्सव में हर बैंक ब्रांच, पिछले सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़कर उसे दोगुना तक करने का लक्ष्य लेकर चलें।

जन धन योजना के तहत खुले बैंक खातों में से आधे से अधिक खाते हमारी माताओं-बहनों के हैं। इन बैंक खातों का महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जो असर हुआ है, वो हमने हाल में आए नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे में भी देखा है।

आज भारत का सामान्य नागरिक कभी भी, कहीं भी, सातों दिन, 24 घंटे, छोटे से छोटा लेनदेन भी डिजिटली कर पा रहा है। कुछ साल पहले तक इस बारे में सोचना तो दूर, भारत के सामर्थ्य पर अविश्वास करने वाले लोग इसका मज़ाक उड़ाते फिरते थे।

हमारे यहां समस्या सिर्फ बैंक अकाउंट की ही नहीं थी, बल्कि दूर-सुदूर तक गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने की भी थी। आज देश के करीब-करीब हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच या बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट की सुविधा पहुंच चुकी है।

बीते वर्षों में अनेक छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज करके, उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी, हर प्रकार से सशक्त की गई है। जब RBI, को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करेगा तो, उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ता का भरोसा और बढ़ेगा।

हमें बैंक बचाने हैं तो डिपोजिटर्स को सुरक्षा देनी ही होगी। हमने ये काम करके बैंकों को भी बचाया है और डिपोजिटर्स को भी बचाया है। हमारे बैंक जमाकर्ताओं के साथ-साथ हमारी अर्थव्यवस्था के लिए भी भरोसे के प्रतीक हैं।

कानून में संसोधन करके एक और समस्या का समाधान करने की कोशिश की है। पहले जहां पैसा वापसी की कोई समयसीमा नहीं थी, अब हमारी सरकार ने इसे 90 दिन यानि 3 महीने के भीतर अनिवार्य किया है। बैंक डूबने की स्थिति में भी, 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा।

आज कोई भी बैंक अगर संकट में आता है तो डिपोजिटर्स को 5 लाख रुपये तक तो जरूर मिलेगा। इससे करीब 98% लोगों के खाते पूरी तरह से कवर हो चुके हैं। आज डिपोजिटर्स का लगभग 76 लाख करोड़ रुपये पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इतना व्यापक सुरक्षा कवच विकसित देशों में भी नहीं है।

हमारे देश में बैंक डिपॉजिटर्स के लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था 60 के दशक में बनाई गई थी। पहले बैंक में जमा रकम सिर्फ 50,000 रुपये तक की राशि पर ही गारंटी थी, फिर इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये का दिया गया था। हमने इस राशि को एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है।

पहले लोगों को किसी बैंक से फंसा अपना ही पैसा प्राप्त करने में वर्षों लग जाते थे। हमारे निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग और गरीबों ने इस समस्या को झेला है। इस स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार ने बहुत संवेदनशीलता के साथ बदलाव किए, रिफॉर्म किए।

कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके उन्हें विकराल होने से बचा सकता है। लेकिन वर्षों तक हमारे यहां ये प्रवृत्ति रही की समस्या है, इसे टाल दो। आज का नया भारत समस्या के समाधान पर जोर लगाता है, समस्या को टालता नहीं है।

बीते कुछ दिनों में 1 लाख से ज्यादा डिपोजिटर्स का फंसा पैसा उनके खातों में जमा हो गया है। ये राशि करीब 1300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। आज इस कार्यक्रम में और इसके बाद भी 3 लाख ऐसे और डिपोजिटर्स का पैसा उनके खातों में जमा होने वाला है।

आज देश के लिए, बैंकिंग सेक्टर के लिए और देश के करोड़ों अकाउंट होल्डर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। आज के आयोजन का जो नाम दिया गया है उसमें ‘डिपॉजिटर्स फर्स्ट: जमाकर्ता सबसे पहले’ की भावना को सबसे पहले रखना इसे और सटीक बना रहा है।

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