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Coronavirus: कोरोना से बिगड़े हालात पर PM मोदी संग पहली बैठक में केजरीवाल ले रहे थे अंगड़ाई, अब ऑक्सीजन की कमी पर करने लगे राजनीति

नई दिल्ली। देशभर में इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है। देश में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दस सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। वहीं इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए। बैठक के दौरान केजरीवाल राजनीति करने से भी बाज नहीं। एक दिन पहले जहां दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया है। वहीं अब ऑक्सीजन की कमी को लेकर राजनीति करने में जुट गए है। इतना ही नहीं बैठक के दौरान दिल्ली के केजरीवाल ने पीएम मोदी से जो बातें कही हैं उन्हें टीवी चैनलों पर लाइव दिखाया गया है। जिसको लेकर आपत्ति भी जताई गई। सरकारी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल ने पीएम मोदी के साथ जो बातें कही वे राजनीति से प्रेरित और जिम्मेदारी से भागने वाली थीं। इसे केजरीवाल द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया गया है। वहीं सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पीएम मोदी ने केजरीवाल को फटकार भी लगाई।

इस वीडियो से पता चलता है कि दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं के खस्ताहाल होने पर अपनी नाकामी छुपाने के लिए केजरीवाल इस तरह बैठक में राजनीति कर रहे है। इससे पहले जब पीएम मोदी ने कोरोना के हालात को लेकरर सीएम केजरीवाल से बात की थी वो बिल्कुल भी एक्टिव नजर नहीं आए थे। इतना उनकी कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई थी। जिसमें अरविंद केजरीवाल अपनी घड़ी चेक कर करके सिर्फ़ बैठने की पोजीशन बदलते दिखे थे। ऐसा नहीं लग रहा था कि केजरीवाल बैठक में हो रही चर्चा को लेकर सीरियस हैं।

वहीं अब राजधानी में कोरोना महासंकट और ऑक्सीजन की कमी को लेकर वह केंद्र सरकार पर सारा ठिकरा फोड़ने लगे। पीएम मोदी संग मीटिंग में केजरीवाल ने उनके आगे कुछ मांगें रखी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि ऑक्सीजन की कमी काफी ज्यादा है, सरकार को देश के ऑक्सीजन प्लांट को कंट्रोल में लेकर सेना को सौंप देना चाहिए ताकि सभी राज्यों को ऑक्सीजन तुरंत मिल पाए।

केजरीवाल ने आगे प्रधानमंत्री मोदी से पूछा, दिल्ली में ऑक्सीजन से मरने की नौबत आ जाए तो केंद्र सरकार में फोन लगाकर किससे बात करूं? हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं। कठोर कदम नहीं उठाया तो दिल्ली में त्रासदी हो सकती है।

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