नई दिल्ली। पोप फ्रांसिस के निधन से दुनिया भर के कैथोलिक समुदाय के लोग अत्यंत गमगीन हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के ना रहने पर अपनी संवदेना जताई है। मोदी ने पोप के साथ अपनी पुरानी मुलाकातों को याद किया है और सोशल मीडिया पर पोप और अपनी फोटो शेयर की हैं। मोदी ने लिखा परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दु:ख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ हैं।
मोदी ने लिखा, पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई। पोप के साथ अपनी मुलाकातों को याद करते हुए मोदी ने लिखा, समाज के समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से मैं बहुत प्रेरित हुआ। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा। मेरी कामना है कि उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले।
पोप फ्रांसिस साल 2013 में रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप बने थे। पोप बेनेडिक्ट 16 के उत्तराधिकारी के रूप में पोप फ्रांसिस को चुना गया था। इससे पहले वो अर्जेंटीना के एक जेसुइट पादरी थे। पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसम्बर 1936 अर्जेंटीना के फ्लोरेंस शहर में हुआ था। पोप फ्रांसिस का पद संभालने के बाद वो वेटिकन सिटी में रहने लगे। पोप को वेटिकन का राजा कहते हैं। वेटिकन सिटी इटली की राजधानी रोम के अंदर बसा हुआ है जो दुनिया की 130 करोड़ कैथोलिक आबादी के लिए सबसे बड़ी आस्था का केंद्र माना जाता है।