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बांग्लादेश जाना हुआ आसान, PM मोदी ने किया भारत और बांग्लादेश के बीच बने मैत्री सेतु पुल का उद्घाटन

PM Narendra Modi

नई दिल्ली। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत और बांग्लादेश के बीच फेनी नदी पर बने मैत्री सेतु का मंगलवार को उदघाटन किया। इसके अलावा पीएम ने त्रिपुरा में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज से तीन वर्ष से पहले आप लोगों ने एक नया इतिहास रचा था और पूरे देश को मजबूत संदेश दिया था। दशकों से राज्य के विकास को रोकने वाली नकारात्मक शक्तियों को हटाकर त्रिपुरा के लोगों ने एक नई शुरुआत की थी।

पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें-

जब हर घर जल, बिजली, स्वास्थ की सुविधाएं पहुंचती हैं तो हमारे जनजातीय क्षेत्रों को इसका विशेष लाभ होता है। यही काम केंद्र और त्रिपुरा की सरकार मिलकर कर रही है।

त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए दशकों बाद समाधान हमारी ही सरकार के प्रयासों से मिला। हज़ारों ब्रू साथियों के विकास के लिए दिए गए 600 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज से उनके जीवन में बहुत सकारात्मक परिवर्तन आएगा।

मैत्री सेतु के अलावा दूसरी सुविधाएं जब बन जाएंगी तो नॉर्थ ईस्ट के लिए किसी भी तरह की सप्लाई के लिए हमें सिर्फ सड़क मार्ग पर निर्भर नहीं रहना होगा। अब जल मार्ग से द्वारा एक वैकल्पिक मार्ग मिले, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान मैंने और प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने मिलकर त्रिपुरा को बांग्लादेश से सीधे जोड़ने वाले ब्रिज का शिलान्यास किया था और आज इसका लोकार्पण किया गया है।

त्रिपुरा की कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर में बीते 3 साल में तेजी से सुधार हुआ है। एयरपोर्ट का काम हो, या समंदर के रास्ते त्रिपुरा को इंटरनेट से जोड़ने का काम हो, या रेल लिंक, इनमें तेजी से काम हो रहा है।

2017 से पहले त्रिपुरा के 5.80 लाख घरों में गैस कनेक्शन था। आज राज्य के 8.50 लाख घरों में गैस कनेक्शन है। डबल इंजन की सरकार बनने से पहले त्रिपुरा में सिर्फ 50% गांव खुले में शौच से मुक्त थे। आज त्रिपुरा का करीब-करीब हर गांव खुले में शौच से मुक्त है।

जहां डबल इंजन की सरकार नहीं है, आपके पड़ोस में ही, गरीबों, किसानों, बेटियों को सशक्त करने वाली योजनाएं या तो लागू ही नहीं की गई, या बहुत धीमी गति से चल रही है। डबल इंजन सरकार का सबसे बड़ा असर गरीबों को पक्के घर देने में दिख रहा है।

त्रिपुरा का ट्रेड वैल्यूम तो बढ़ा ही है साथ ही राज्य से होने वाले निर्यात भी करीब-करीब पांच गुना तक बढ़ गया है। त्रिपुरा के विकास के लिए केंद्र सरकार ने हर आवश्यकता का ध्यान रखा है।

बीते 6 साल में त्रिपुरा को केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में बड़ी वृद्धि की गई है। वर्ष 2009 से 2014 के बीच केंद्र सरकार से त्रिपुरा को केंद्रीय विकास परियोजनाओं के लिए 3500 करोड़ रुपए की मदद मिली थी। जबकि साल 2014 से 19 के बीच 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई है।

जिस त्रिपुरा को हड़ताल कल्चर ने बरसों पीछे कर दिया था, आज वो Ease of Doing Business के लिए काम कर रहा है। जहां कभी उद्योगों में ताले लगने की नौबत आ गई थी, वहां अब नए उद्योगों, नए निवेश के लिए जगह बन रही है।

2017 में आपने त्रिपुरा में विकास का डबल इंजन लगाने का फैसला किया। इस डबल इंजन के फैसले के कारण जो परिणाम निकले, वो आज आपके सामने है। आज त्रिपुरा पुरानी सरकार के 30 साल और डबल इंजन की 3 साल की सरकार में आए बदलाव को स्पष्ट अनुभव कर रहा है।

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