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Kashi Vishwanath Dham: अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं, कट्टरता के खिलाफ काशी से PM मोदी का संदेश

PM Modi

नई दिल्ली। काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) के ऐतिहासिक लोकार्पण के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भारतीय संस्कृति के खिलाफ कट्टरवादी सोच और ताकतों पर निशाना साधा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए शिवाजी और राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धाओं के राष्ट्र प्रेम को याद किया है। काशी विश्वनाथ मंदिर से दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने साफ किया कि जब-जब भारतीय संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश हुई है, भारत ने उसका करारा जवाब दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की मिट्टी दुनिया से अलग है, इसलिए यहां संस्कृति को कुचलने की कोशिश कभी कामयाब नहीं होगी। काशी को मिटाने के लिए हुए हमलों का जिक्र करते हुए प्रधानंमत्री मोदी ने कहा कि, ‘आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए! औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की! लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।’

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्धघाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कट्टरता के खिलाफ भारत के ऐतिहासिक संघर्ष की भी चर्चा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं! अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। और अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं अपने संसदीय क्षेत्र में काशी कॉरिडोर के उद्धघाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीयों की संकल्पशक्ति और राष्ट्रप्रेम की प्रशंसा की है। पीएम मोदी ने कहा कि ‘हर भारतवासी की भुजाओं में वो बल है, जो अकल्पनीय को साकार कर देता है। हम तप जानते हैं, तपस्या जानते हैं, देश के लिए दिन रात खपना जानते हैं। चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, हम भारतीय मिलकर उसे परास्त कर सकते हैं।’


काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को भारत के लिए निर्णायक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएगा। ये परिसर, साक्षी है हमारे सामर्थ्य का, हमारे कर्तव्य का। अगर सोच लिया जाए, ठान लिया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं।

काशी विश्वनाथ धाम के उद्धघाटन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से कट्टरता के इतिहास का जिक्र करके भारत की सांस्कृतिक ताकत और संकल्प शक्ति की याद दिलाई है, उससे भारत के खिलाफ कट्टरवादी ताकतों को मुहंतोड़ जवाब मिला है।

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