नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह 22 अक्टूबर को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर पीएम मोदी कजान में आयोजित होने वाले 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। साल 2006 में ब्रिक का गठन किया गया था तब इसमें सिर्फ चार देश ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल थे। ब्रिक गठन के तहत इन देशों के देशों के नेता पहली बार 2006 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में मिले थे। इसके बाद पहला ब्रिक शिखर सम्मेलन 2009 में रूस के येकातेरिनबर्ग में आयोजित किया गया था। एक साल बाद सितंबर 2010 में न्यूयॉर्क में ब्रिके देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में दक्षिण अफ्रीका को इसके पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार किए जाने के बाद इसका नाम बदलकर ब्रिक्स कर दिया गया।
इससे पहले पीएम मोदी इसी साल जुलाई में भी दो दिवसीय यात्रा पर रूस गए थे। इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया था। पुतिन के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता में मोदी ने रूस – यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के मुद्दे को स्पष्ट तौर से उठाते हुए शांति की अपील की थी। रूस के दौरे के बाद पीएम मोदी यूक्रेन गए थे और वहां भी उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय वार्ता में युद्ध खत्म करने का आह्वान किया था।
मोदी ने ज़ेलेंस्की से कहा था कि मैंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आंख में आंख डालकर उनसे कहा है कि युद्ध से किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकलता। जटिल से जटिल मुद्दों का हल हमेशा बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है। पीमए मोदी के यूक्रेन दौरे के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी रूस जाकर पुतिन से मिले थे और उन्होंने पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के दौरान ज़ेलेंस्की से हुई उनकी बातचीत के विषय में ब्रीफ किया था।