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Sanjauli Masjid Row: शिमला में संजौली मस्जिद की तरफ कूच कर रहे हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं पर पुलिस का लाठीचार्ज, मंत्री विक्रमादित्य सिंह बोले- अवैध निर्माण हुआ है तो गिराएंगे

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बयान दिया है कि यदि संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण हुआ है, तो उसे गिराया जाएगा। इस बीच, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर बढ़ते विवाद में पुलिस और हिंदूवादी संगठनों के बीच टकराव हो गया। मस्जिद के अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता संजौली मस्जिद की ओर कूच कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।


मामला तब और गरम हो गया जब हिंदूवादी संगठनों ने मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया। प्रशासन ने संगठनों के नेताओं के साथ दो घंटे की बैठक भी की थी, ताकि उन्हें विरोध प्रदर्शन से रोका जा सके, लेकिन बातचीत विफल रही। इसके बाद प्रशासन ने संजौली बाजार के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी और कई बैरिकेड्स भी लगाए गए। यहां तक कि पास की नई बनी सुरंग से यातायात को भी रोक दिया गया था।


क्या है विवाद की पूरी पृष्ठभूमि?

संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का मामला काफी समय से चल रहा है। इस मुद्दे पर अब तक 44 बार कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है, लेकिन मस्जिद में पांच मंजिलें बन चुकी हैं। कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी इस मसले को विधानसभा में उठाया था। उन्होंने मांग की थी कि मस्जिद का अवैध निर्माण 48 घंटे के भीतर तोड़ा जाए। अनिरुद्ध सिंह ने आरोप लगाया था कि संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है और लव जिहाद जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, जो हिमाचल प्रदेश और देश के लिए खतरनाक है। अनिरुद्ध सिंह ने यह भी सवाल उठाया था कि जब संजौली मस्जिद का निर्माण अवैध था, तो प्रशासन ने मस्जिद की बिजली और पानी की आपूर्ति क्यों नहीं रोकी। उनका कहना था कि मस्जिद की एक मंजिल पहले बनी थी, लेकिन धीरे-धीरे पांच मंजिलें खड़ी हो गईं।


मस्जिद का विवाद केवल अवैध निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके साथ ही प्रदेश में बढ़ती मुस्लिम आबादी और बदलती डेमोग्राफी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोग और हिंदूवादी संगठन इसे शिमला की सांस्कृतिक पहचान के लिए खतरा मानते हैं। फिलहाल, इस मुद्दे के जल्द सुलझने के आसार कम ही दिख रहे हैं, और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

 

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