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Pollution In Delhi: दिल्ली और आसपास वायु प्रदूषण से लोगों को नहीं मिल रही निजात, खतरनाक श्रेणी में एक्यूआई

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। आसपास के शहरों में भी काफी वायु प्रदूषण है। दिल्ली की बात करें, तो आनंद विहार और बवाना समेत कई जगह एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई रविवार की सुबह 400 के पार मिला। दिल्ली की 9 जगह शनिवार की सुबह एक्यूआई 450 से ज्यादा हो गया था। इस तरह अभी दिल्ली और आसपास के लोगों को दमघोंटू हवा का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री धर्मेंद्र यादव को चिट्ठी लिखकर राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने की मांग की थी, लेकिन ये भी संभव नहीं हो रहा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने में नाकामी जताई है। सीपीसीबी के मुताबिक अभी दिल्ली में बादल नहीं हैं। इस वजह से कृत्रिम बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग हो ही नहीं सकती। कृत्रिम बारिश के लिए बादल होने जरूरी होते हैं। साथ ही दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने में काफी धन खर्च होने की बात भी सीपीसीबी ने कही है। ऐसे में अब दिल्ली और आसपास के लोगों के लिए राहत तभी आएगी, जब कुदरत खुद बारिश लाए। अभी शुष्क ठंडी हवाओं के कारण बादलों का आना और दिल्ली में बरसना भी संभव नहीं होने वाला है। दिल्ली में चारों और गहरी धुंध छाई है और इसकी वजह से ट्रेन, सड़क और वायु यातायात पर भी असर पड़ रहा है।

दिल्ली और आसपास के इलाकों में हर साल ठंड के मौसम की शुरुआत से ही वायु प्रदूषण बढ़ता है। इसकी मुख्य वजह पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में पराली का जलाया जाना होता है। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले डीजल चालित वाहनों के धुएं से भी दिल्ली और आसपास प्रदूषण बढ़ता है। इस साल भी ऐसा ही हुआ है। हालांकि, प्रदूषण लगातार बढ़ने पर दिल्ली में ग्रैप-4 के नियम लागू कर डीजल से चलने वाले वाहनों पर रोक लगाई गई है। दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता और नाराजगी जताई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी। फिर भी पराली जलाने के दर्जनों मामले हुए और दिल्ली व आसपास के लोगों के लिए मुसीबत इससे और बढ़ गई।

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