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Pollution In Delhi And NCR: दमघोंटू और आंख जलाने वाली हवा से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को राहत नहीं, राष्ट्रीय राजधानी में 999 तक पहुंच गया था एक्यूआई; अब भी 400 से ज्यादा

pollution in delhi

नई दिल्ली। पहले GRAP 1, फिर ग्रैप 2 और उसके बाद ग्रैप 3। दिल्ली और एनसीआर में जबरदस्त प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारी तंत्र ने ये तीनों नियम कायदे तो एक के बाद एक लागू कर दिए, लेकिन इसके बाद भी दिल्ली और आसपास प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली में शनिवार रात 1 बजे तो हालत ये हो गई कि अशोक विहार इलाके में हवा की गुणवत्ता मापने वाला पैमाना एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 999 के स्तर पर जा पहुंचा। आज सुबह की बात करें, तो दिल्ली में एक्यूआई 400 का गंभीर स्तर पार किया हुआ है। आसपास के इलाकों नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव और इनसे लगे क्षेत्रों यानी एनसीआर में भी एक्यूआई का स्तर भी ज्यादा है। ऐसे में दिल्ली और एनसीआर वालों की जिंदगी दमघोंटू और आंखों में जलन पैदा करती हवा में कैद होकर रह गई है।

दिल्ली सरकार ने ग्रैप 3 के नियम लागू कर सभी बीएस-3 पेट्रोल गाड़ियां और बीएस-4 डीजल गाड़ियां राष्ट्रीय राजधानी में आने से रोक दी हों, डीजल जेनरेटर बंद करा दिए हों या निर्माण और तोड़फोड़ पर बैन लगा दिया हो, लेकिन प्रदूषण को रोकने में वो नाकाम रही है। दिल्ली में प्रदूषण वाले इलाकों में पानी का छिड़काव और स्मॉग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन इसका भी कोई असर होता नहीं दिख रहा। अब दमघोंटू हवा की वजह से मुश्किल में घिरे दिल्ली और एनसीआर के लोगों को बारिश से ही राहत की उम्मीद है, लेकिन ये उम्मीद भी पूरी होती नहीं दिख रही। बारिश अगर हो जाए, तो तत्काल प्रदूषण से राहत मिल जाती, लेकिन मौसम विभाग ने बताया है कि अभी दिल्ली और एनसीआर में बारिश की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में कम से कम 15 नवंबर यानी अगले 11 दिन तक प्रदूषण की मार झेलने के अलावा रास्ता नहीं बचा है।

दिल्ली और एनसीआर में हर साल जाड़े का मौसम शुरू होते ही प्रदूषण बढ़ जाता है। इसकी वजह पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के कुछ इलाकों में पराली जलाना है। यूपी और हरियाणा में इस साल तो कम ही पराली जली है, लेकिन पंजाब में खूब पराली जलने के मामले हुए हैं। पराली के जलने से जो धुआं उठता है, वो पश्चिमी से चलने वाली हवा की वजह से दिल्ली और एनसीआर तक पहुंचता है और हवा के ठंडा होने की वजह से एक जगह इकट्ठा हो जाता है। इसी से दिल्ली और आसपास के इलाकों में हर साल की तरह इस साल भी स्थिति बिगड़ी हुई है।

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