पटना। शराब सामाजिक बुराई है। शराबियों का घर बर्बाद होने के तमाम मामले सामने आते रहते हैं। भारत के संविधान के नीति निर्देशक तत्व में लिखा भी है कि सरकारें शराबबंदी लागू करने की दिशा में काम करेंगी। गुजरात में पहले से ही शराबबंदी का आदेश है। वहीं, बिहार में पिछली बार सरकार गठन के बाद सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी की थी, लेकिन नीतीश कुमार की बिहार में शराबबंदी जन सुराज के संस्थापक और पहले चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर को पच नहीं रही है। प्रशांत किशोर ने एलान किया है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में अगर उनकी जन सुराज ने सरकार बनाई, तो 1 घंटे में ही बिहार में शराब की बिक्री फिर शुरू करा दी जाएगी। प्रशांत किशोर के इस एलान पर सोशल मीडिया पर भी तमाम लोग हैरत जता रहे हैं।
यह क्या कह रहे हैं प्रशांत किशोर? सत्ता में आए तो बिहार में शराब बंदी ही हटा देंगे??? pic.twitter.com/4XCGfLSqOk
— Arvind Chotia (@arvindchotia) September 15, 2024
बिहार में फिर शराब बेचने के पक्ष में प्रशांत किशोर के अपने तर्क हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि नीतीश कुमार ने शराबबंदी की और उससे बिहार को 20000 करोड़ का राजस्व नहीं मिल रहा। प्रशांत किशोर का ये भी तर्क है कि बिहार में अवैध घरेलू शराब बिक रही है। जन सुराज के संस्थापक ने तो ये आरोप भी लगा दिया कि बिहार के नेता और नौकरशाह अवैध शराब के कारोबार से लाभ उठा रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी कर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ढकोसला किया है।
प्रशांत किशोर की तरफ से बिहार में फिर शराब की बिक्री शुरू कराने की बात इसलिए हैरत में डालती है, क्योंकि जन सुराज के लिए पदयात्रा के दौरान वो लगातार बिहार और वहां के लोगों की हालत सुधारने की बात कहते रहे। हालांकि, प्रशांत किशोर ने पहले भी बिहार में शराबबंदी पर सवाल उठाए, लेकिन पहली बार उन्होंने कहा है कि जन सुराज की सरकार बनते ही 1 घंटे में फिर से बिहार में शराब की बिक्री की मंजूरी दी जाएगी। माना जा सकता है कि बिहार में फिर से शराब की बिक्री की मंजूरी की बात कहकर प्रशांत किशोर ने चुनावी चाल चली है। अब देखना है कि प्रशांत किशोर के शराब बिक्री के पक्ष में आए बयान पर नीतीश कुमार की जेडीयू और अन्य दल कैसी प्रतिक्रिया देते हैं?