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New Flag And Insignia Of Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट के नए ध्वज और प्रतीक चिन्ह का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया अनावरण, जानिए इसमें क्या है खास

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के 75वर्ष पूरे होने पर आयोजित राष्ट्रीय जिला न्यायपालिका सम्मेलन के समापन समारोह पर आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शीर्ष अदालत के नए ध्वज और प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया। नए ध्वज और प्रतीक चिन्ह में सबसे ऊपर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया लिखा है। उसके बाद अशोक चक्र बना है, उससे नीचे सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग और सबसे नीचे संविधान की किताब का चित्र बनाया गया है। अंत में संस्कृत में ‘यतो धर्मस्ततो जयः’ श्लोक भी लिखा हुआ है। इस श्लोक का अर्थ है, जहां धर्म है, वहीं विजय है।

इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि हाल के वर्षों में न्यायिक अधिकारियों के चयन में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। कई राज्यों में कुल न्यायिक अधिकारियों की संख्या में महिलाओं की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है। मैं आशा करती हूं कि न्यायपालिका से जुड़े सभी लोग महिलाओं के विषय में पूर्वाग्रहों से मुक्त विचार, व्यवहार और भाषा के आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि कभी-कभी मेरा ध्यान कारावास काट रही माताओं के बच्चों तथा बाल अपराधियों की ओर चला जाता है। उन महिलाओं के बच्चों के सामने पूरा जीवन पड़ा है। ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए क्या किया जा रहा है, इस विषय पर आकलन और सुधार हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। बाल अपराधी भी अपने जीवन के आरम्भिक चरण में होते हैं। उनके चिंतन और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के उपाय करना, उन्हें जीवन यापन के लिए लाभकारी कौशल प्रदान करना और नि:शुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराना भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह हमारे सामाजिक जीवन का एक दुखद पहलू है कि कुछ मामलों में, साधन-सम्पन्न लोग अपराध करने के बाद भी निर्भीक होकर स्वच्छंद घूमते रहते हैं। जो लोग उनके अपराधों से पीड़ित होते हैं, वो डरे-सहमे रहते हैं, मानो उन्हीं बेचारों ने कोई अपराध कर दिया हो।

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