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Delhi Government Approved School Fees Act : दिल्ली में स्कूल नहीं ले सकेंगे मनमानी फीस, स्कूल फीस एक्ट को कैबिनेट की मंजूरी

Delhi Government Approved School Fees Act : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस निर्णय पर मोहर लगी। इससे पहले दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने स्पष्ट कहा था कि स्कूल विद्या के मंदिर होते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में बाजारीकरण को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।

नई दिल्ली। दिल्ली में स्कूलों की मनमर्जी पर अब लगाम लगने वाली है। निजी स्कूल मनमानी करते हुए फीस के नाम पर अभिभावकों से मोटी रकम नहीं वसूल पाएंगे। दिल्ली की बीजेपी सरकार ने स्कूल फीस एक्ट को मंजूरी दे दी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस निर्णय पर मोहर लगी। इससे पहले दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने स्पष्ट कहा था कि स्कूल विद्या के मंदिर होते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में बाजारीकरण को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। दिल्ली सरकार का यह फैसला बहुत से पैरेंट्स के लिए राहत भरा होगा।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Delhi CM Rekha Gupta says, &quot;…I feel overjoyed to tell you that Delhi Government has made a historic and brave decision, and the draft Bill has been passed by the Cabinet today. A complete guideline, procedure for fees will be decided for all 1677 schools in Delhi,… <a href=”https://t.co/wCoUlMbgpl”>pic.twitter.com/wCoUlMbgpl</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1917161902003880132?ref_src=twsrc%5Etfw”>April 29, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया है और कैबिनेट ने मसौदा विधेयक पारित कर दिया है। दिल्ली के सभी 1677 स्कूलों, चाहे वो सहायता प्राप्त हों, गैर सहायता प्राप्त हों, निजी हों या सभी तरह के स्कूल हों, के लिए फीस के लिए एक पूरी गाइडलाइन, प्रक्रिया तय की जाएगी। इतिहास में पहली बार दिल्ली सरकार द्वारा ऐसा विधेयक तैयार किया जा रहा है जो पूरी तरह से त्रुटिरहित है। हालांकि ऐसा बताया जा रहा है कि यह एजेंडा कैबिनेट बैठक में नहीं था मगर मंत्री आशीष सूद ने टेबल एजेंडा के रूप में इसे पेश किया और इस पर सभी ने मंजूरी दे दी।

दिल्ली में निजी स्कूलों की बढ़ती फीस का मुद्दा काफी समय से उठता रहा है। बहुत से अभिभावक इसके खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। बता दें कि इसी महीने एक सर्वे रिपोर्ट आई थी जिसमें यह कहा गया था कि तीन सालों में देशभर के कई प्राइवेट स्कूलों ने लगभग 50 से लेकर 80 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई है। लोकल सर्किल्स नाम की संस्था ने यह सर्वे कराया था। इसके अनुसार ज्यादातर प्राइवेट स्कूल हर साल 10 से 15 प्रतिशत तक फीस वृद्धि कर रहे हैं। लोगों ने शिक्षा को मुनाफे का धंधा बना दिया है। बहुत से प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं जो ट्यूशन फीस के अलावा पैरेंट्स से कई ऐसे चार्ज भी वसूल रहे हैं जो पहले कभी नहीं लिए जाते थे। एक्स्ट्रा चार्जेज में बिल्डिंग मेंटिनेंस फीस, डिजिटल लर्निंग के नाम पर टेक्नोलॉजी फीस, इसी तरह तमाम अन्य तरह की मेंटेनेंस फीस भी अभिभावकों से वसूली जा रही है।

 

 

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