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CBSE Board Exams 2021: प्रियंका-सिसोदिया ने 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले को सराहा, 12वीं पर केंद्र से ये मांग

Priyanka Gandhi, PM Modi and manish sisodia

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 10वीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है और मांग की है कि कक्षा 12 की परीक्षा भी रद्द की जाए। उन्होंने कहा, “खुशी है कि सरकार ने अंतत: 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर दी है, लेकिन एक अंतिम निर्णय 12वीं कक्षा के लिए भी लिया जाना चाहिए। जून तक छात्रों को अनुचित दबाव में रखने का कोई मतलब नहीं है। मैं सरकार से अब निर्णय लेने का आग्रह करता हूं।” कांग्रेस महासचिव ने पिछले दिनों कोविड के फिर से बढ़ते प्रकोप के कारण सीबीएसई की परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। प्रियंका ने फेसबुक पर लिखा, “सरकार से मेरी फिर से अपील है कि सीबीएसई की परीक्षाएं रद्द की जाएं।” यह मांग राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक से पहले आई।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, मुझे खुशी है कि 10वीं की परीक्षा रद्द की गई और 12वीं की परीक्षा ​स्थगित की गई है। 12वीं कक्षा के बच्चों के मन में जो चिंता बनी रहेगी उसको दूर किया जा सकता था। मैं अपील करता हूं कि 12वीं कक्षा के छात्रों को भी आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट किया जाए।

इससे पहले, 11 अप्रैल को उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा था कि भीड़भाड़ वाले परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना व्यावहारिक रूप से असंभव होगा। इसके अलावा, प्रकृति और वायरस के प्रसार को देखते हुए, यह सिर्फ छात्रों के लिए नहीं, बल्कि उनके शिक्षकों, इनविजिलेटर और परिवार के सदस्यों के लिए भी जोखिम भरा होगा, जो उनके साथ संपर्क में होंगे। इसके अलावा, उग्र महामारी के दौरान बच्चों को परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर करने पर होने वाली घटनाओं के लिए सरकार और सीबीएसई बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। कोई भी परीक्षा केंद्र हॉटस्पॉट साबित हो सकता है, बड़ी संख्या में बच्चे वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

प्रियंका ने कहा, “युवा की रक्षा और मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी राजनेताओं की है। एक के बाद एक राज्य सरकारें जब सार्वजनिक स्थानों में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने पर पाबंदी लगाने के दिशानिर्देश जारी कर रही हैं, तब युवा होते बच्चों को परीक्षा देने के लिए मजबूर कर नैतिक आधार पर हम वास्तव में कहां खड़े हो सकते हैं।”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र से कहा था कि वह परीक्षा कराने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।

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