नई दिल्ली। एक बार फिर सबकी नजर केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर टिक गई है। इसकी वजह इस बार प्रियंका गांधी वाड्रा बनी हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा को वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ाने का कांग्रेस ने एलान किया है। प्रियंका गांधी वाड्रा को टिकट भी दिया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा 23 अक्टूबर को वायनाड से लोकसभा उपचुनाव का पर्चा दाखिल करेंगी। उनके साथ राहुल गांधी, मां सोनिया गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेता भी वायनाड जाएंगे।
वायनाड सीट पर लोकसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस ने राहुल गांधी को उतारा था। राहुल गांधी ने वायनाड सीट से सीपीआई की प्रत्याशी एनी राजा को हराया था। राहुल गांधी वायनाड सीट के अलावा यूपी की रायबरेली सीट से भी चुनाव लड़े थे और वहां वो बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह से मुकाबले में जीते थे। राहुल गांधी ने इसके बाद रायबरेली की सीट रखकर वायनाड की सीट छोड़ दी थी। इसके बाद से ही खबरें आ रही थीं कि कांग्रेस वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतारेगी। वहीं, वामदलों की तरफ से सीपीआई के वरिष्ठ नेता सत्यन मोकेरी वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनौती देने उतरेंगे। सीपीआई की तरफ से सत्यन मोकेरी को वायनाड में उतारने का सीधा मतलब है कि वो प्रियंका गांधी वाड्रा को आसानी से नहीं जीतने देना चाहती।
अगर प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड लोकसभा उपचुनाव जीत लेती हैं, तो अपने भाई राहुल गांधी के साथ वो संसद में दिखेंगी। जाहिर तौर पर लोकसभा में तब मोदी सरकार पर भाई और बहन की जोड़ी की तरफ से एकसाथ प्रहार होता दिखेगा। प्रियंका गांधी वाड्रा इससे पहले कोई चुनाव नहीं लड़ी हैं। हालांकि, वो चुनाव प्रचार अभियान में लंबे समय से हिस्सा लेती रही हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा पहले अपनी मां सोनिया गांधी के लिए चुनाव प्रचार करने रायबरेली जाती थीं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने वायनाड और रायबरेली में राहुल गांधी के पक्ष में प्रचार अभियान का भी जिम्मा संभाला था। उन्होंने राहुल गांधी के साथ वायनाड और रायबरेली में रोड शो भी किए थे।