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Ankita Murder Case: पुलिस पूछताछ में नहीं चली पुलकित की चालाकी, पलक झपकते ही पकड़ा गया झूठ, आरोपी ने खुद ही उगली सच्चाई

नई दिल्ली। “वो कोई कहानीकार नहीं है, लेकिन कहानियां सुना रहा है। वो कोई लेखक तो नहीं, लेकिन ना जाने क्यों आजकल लेखकगीरी कर रहा है। वो कोई वक्ता तो नहीं, लेकिन ना जाने क्यों आज कल तकरीरों की दरिया बहा रहा है।” तो वो कहानीकार नहीं, लेखक नहीं, वक्ता नहीं, तो फिर कौन है? अरे वो हत्यारा है हत्यारा, उस मासूम-सी बच्चा का, उस नन्हीं-सी जान का, उस परी का, उस बूढ़ी मां का, जिसकी कायनात अब उजड़ चुकी है, उसे बूढ़े पिता का, जिसका संसार अब खत्म हो चुका है। वो हत्यारा है अंकिता भंडारी का, वो अंकिता जिसने पढ़ने लिखने की उम्र में ही अपने परिवार का बीड़ा उठा लिया, वो अंकिता, जिसने अपनी मां की आंसुओं को देखकर घर के बाहर कदम रखा।

….! लेकिन, अब तो वो अंकिता नहीं रही, बड़ी ही कम उम्र में ही उसने इस दुनिया को कह दिया अलविदा। छोड़ गई अपनी मां का आंगन…छोड़ दिया अपने पिता का हाथ….शायद नहीं बची थी उसमें अब इन दरिंदों का सामना करने की कुव्वत। हार गई थी…थक गई थी…लड़-लड़ कर थक गई खुद से… इस दुनिया से… इन लोगों से और अब कह गई हम सबको हमारी अंकिता..अलविदा ….अलविदा…और अलविदा….!

लेकिन इसका जिम्मेदार, कौन है? तो वो पुलकित आर्या है। लेकिन बतौर पत्रकार अभी कानूनी दांवपेंच की वजह से उसे हत्यारा तो नहीं, बल्कि आरोपी ही कहेंगे, क्योंकि उस पर आरोप है कि अंकिता की हत्या करने का। लेकिन अब पुलिस के हत्थे चढ़ा ये आरोपी आज कल खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए कभी पुलिस को कहानियां तो कभी चुटकले सुना रहा है। लेकिन, पुलिस भी पल झपकते ही उसका झूठ पकड़ ले रही है।

“अभी कुछ दिनों पहले पुलकित ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि अंकिता ने झगड़े में उसका फोन नहर मे फेंक दिया था, जिस पर गुस्साए आरोपी ने उसे नहर में धक्का दे दिया।” लेकिन, अफसोस पुलिस के पास उसका एक भी झूठ नहीं चला और वो पकड़ा गया। दरअसल, आरोपी पुलकित का फोन तो अगले दिन ही स्विच ऑफ हो गया था, तो ऐसे में फोन फेंकने का सवाल ही नहीं उठता और पुलिस टीम का तो यह भी कहना है कि वो वाट्सएप पर चैटिंग दूसरे फोन से करता था। अब तक हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस को यह कहने से बिल्कुल भी संकोच नहीं हो रहा है कि 18 सितंबर को अंकिता को नहर में धक्का देने के बाद पुलकित ने इस मामले को दुर्घटना में दर्शाने की पूरी कोशिश की थी।

कभी हां तो कभी ना में जवाब देने वाला आरोपी पुलकित अभी खामोशियों के समुद्र में सराबोर है। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि पुलिस को क्या जवाब दिया जाए। किस लहजे और किस भाषा में दिया जाए ।उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है। लेकिन,  पुलिस को यह कहने में अब बिल्कुल भी संकोच नहीं है कि उसने इस वारदात को एक साजिश के तहत अंजाम दिया था। उधर, पुलकित के दोस्तों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। अब ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में मामले को लेकर क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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