नई दिल्ली। प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक मामले में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। अब यूपी में पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर 2 साल से लेकर आजीवान कारावास तक की सजा और 1 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं पेपर लीक के दोषी की सम्पत्ति कुर्की का भी प्रावधान इस अध्यादेश में किया गया है। वहीं, दोषी को जमानत न मिल सके इसके लिए भी कठोर प्रावधान किये गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में आज 44 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 के अंतर्गत अगर कोई प्रतियोगी परीक्षा पेपर लीक होने या किसी अन्य वजह से प्रभावित होती है तो इसके खर्च की पूरी भरपाई नकल माफिया या सॉल्वर गैंग से की जाएगी। पेपर लीक या उससे जुड़े किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार में जो भी लोग या उससे संबंधित कोई फर्म या कंपनी दोषी पाई जाएगी, उसे हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। यह अध्यादेश सार्वजनिक सेवा से जुड़ी भर्ती परीक्षाओं, कर्मचारियों के नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षाओं, संस्थानों की डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण-पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा। अगर कोई फर्जी प्रश्नपत्र भी बांटता है या फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाकर गुमराह करने का प्रयास करता है तो उसे भी दण्डनीय अपराध माना जाएगा।
इसके अतिरिक्त अन्य प्रस्तावों में कैबिनेट ने तीन शहरों वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज के सीमा विस्तार को भी मंजूरी दी। आपको बता दें कि आज कल देश भर में नीट यूजी 2024 परीक्षा पेपर लीक मामले पर विवाद मचा हुआ है। इससे पहले यूपी में आरओ और एआरओ परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था।