कोलकाता। बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार इस्कॉन के पूर्व सचिव चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को वहां की अंतरिम सरकार जेल में ही रखना चाहती है। ये दावा चिन्मय कृष्ण दास के वकील रवींद्र घोष ने कोलकाता में किया। चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के वकील रवींद्र घोष ने इस्कॉन मंदिर में पूजा करने के बाद मीडिया के लोगों से कहा कि वो बांग्लादेश लौटने वाले हैं। वहां अत्याचार से पीड़ित लोगों के लिए लड़ाई लड़ने वाले हैं। रवींद्र ने बताया कि चटगांव सेशन कोर्ट में उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन सफल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि 2 जनवरी को चिन्मय के मामले की सुनवाई बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट में है। वहीं, बांग्लादेश में चिन्मय को रिहा करने के लिए लगातार आवाज भी उठ रही है।
A protest march by Sanatan students of Jahangirnagar University demanding the release of Chinmoy Krishna Das Brahmachari.#SaveBangladeshiHindus#FreeChinmoyKrishnaDas #HindusUnderAttackInBangladesh pic.twitter.com/3FjKBneBVD
— Sanatan Voice 🇧🇩 (@SanatanVoice_in) December 27, 2024
रवींद्र घोष ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर फर्जी आरोप लगाए गए हैं। चिन्मय के वकील ने कहा कि सियासत से उनका कोई लेना-देना नहीं है। रवींद्र घोष ने कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं पर 6500 से ज्यादा हमले हो चुके हैं। बता दें कि रवींद्र घोष बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को जेल से रिहा कराने के लिए मैं लड़ाई जारी रखूंगा और खुद सफल न होने पर अच्छे से अच्छा वकील भी उनके लिए करूंगा।
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी पर बांग्लादेश पुलिस ने ये आरोप लगाकर देशद्रोह का केस दर्ज किया कि एक विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर भगवा झंडा फहराया था। चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने बांग्लादेश में हिंसा पीड़ित हिंदू समुदाय के लोगों को एकजुट कर कई जगह अंतरिम सरकार विरोधी प्रदर्शन किया था। चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नेतृत्व में हिंदुओं के एकजुट होने से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में खलबली मची और उनको गिरफ्तार किया गया। भारत ने चिन्मय की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई है। भारत ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी को इसी वजह से बांग्लादेश भी भेजा था। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने बीते दिनों बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को फोन किया था। जिसमें अमेरिका की तरफ से अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाइयों की सुरक्षा करने के लिए कहा गया था।