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Video: राज्यसभा में वेंकैया नायडू ने राघव चड्ढा से ऐसा क्या कहा कि संसद में लगने लगे ठहाके

Venkaiah Naidu Farewell: आगे राघव चड्ढा वो कहते है कि ये मेरा सौभाग्य है कि जब मैंने अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की। तो मुझे आपता संरक्षण प्राप्त था। लेकिन ये मेरा दुर्भाग्य भी है कि केवल एक ही सत्र में आपकी संरक्षण में काम करने का मौका मिला। जिस दिन मैंने शपथ ली थी आपने मुझे पंक्चुअलिटी का अहम पाठ पढ़ाया था।

नई दिल्ली। सोमवार को राज्यसभा के सभापति के तौर पर वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) का अंतिम दिन रहा। इसी दौरान आम आदमी पार्टी के सासंद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने उनके विदाई भाषण पर अपनी राय रखते है। राघव चड्ढा कहते है कि हर व्यक्ति को अपना अनुभव याद होता है। स्कूल का पहला दिन, प्रिसिंपल, पहली टीचर, पहला प्यार। इस सदन में जब मैं आया तो मेरे पहले चैयरमैन के रूप में जब मैंने अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की। मैं आपको सदैव याद रखूगां।

आगे राघव चड्ढा वो कहते है कि ये मेरा सौभाग्य है कि जब मैंने अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की। तो मुझे आपता संरक्षण प्राप्त था। लेकिन ये मेरा दुर्भाग्य भी है कि केवल एक ही सत्र में आपकी संरक्षण में काम करने का मौका मिला। जिस दिन मैंने शपथ ली थी आपने मुझे पंक्चुअलिटी का अहम पाठ पढ़ाया था। मुझे याद है करीब 11 बजे का था चूंकि मैं पहले अपने माता-पिता के साथ गुरद्वारा गया था मथा टेका और रास्ते में ट्रफिक भी था। मुझे आते वक्त 8-10 मिनट देरी हो गई थी। तब तक शपथ ग्रहण समारोह खत्म हो गया था। आप वापस मुड़कर भी चले गए। लेकिन में रिकवेस्ट पर आप वापस आए। अपने पंक्चुअलिटी का पाठ मुझे पढ़ाया। और उसके साथ-साथ मेरी सेरेमनी भी अपने करवाई थी।

इसके बाद सदस्य राघव चड्ढा की ‘पहले प्यार’ पर की गई एक टिप्पणी को लेकर वेंकैया नायडू ऐसी चुटकी लेते है, जिससे आप के सदस्य सहित पूरे सदन में हंसी के ठहाके लगाने लगते है। वेंकैया नायडू ने राघव चड्ढा से कहा कि मेरे ख्याल से प्यार ठीक ही होता है ना,  एक बार, दो बार,तीन बार ऐसा होता है पहला प्यार ही होता है ना जिसके बाद सदन में सभी लोग जोर-जोर से हंसने लगते है। वहीं वेंकैया नायडू के प्रश्न का राघव चड्ढा हंसते हुए जवाब देते है कि सर मैं इतना अनुभवी नहीं हूं, अभी जीवन में अनुभव नहीं है लेकिन अच्छा होता है।

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