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Amethi: लगातार चुनाव जीतकर भी राहुल गांधी ने की अनदेखी! अब मोदी सरकार अमेठी को देने जा रही हैं ‘अनोखा उपहार’

Smriti Irani

लखनऊ। नेहरू गांधी खानदान के चश्मोचिराग राहुल गांधी 15 साल तक अमेठी के सांसद रहे। 2004 से 2019 तक उन्होंने अमेठी का प्रतिनिधित्व किया। पड़ोस के जिले रायबरेली से उनकी मां सोनिया गांधी लंबे समय से सांसद हैं। साल 2004 से 2014 के मई महीने तक केंद्र में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार भी रही, लेकिन अमेठी और रायबरेली को कुछ नहीं मिला। राहुल गांधी के बारे में अमेठी के लोगों का कहना है कि वो बस चुनाव जीतने के लिए यहां आते रहे, क्योंकि कांग्रेस को लग गया था कि अमेठी तो उसका गढ़ है ही। बहरहाल, अब मोदी सरकार अमेठी की लगातार सुध ले रही है। 2019 में स्मृति ईरानी अमेठी से जीतकर मोदी सरकार में मंत्री बनीं। तभी से केंद्र की सरकार और स्मृति यहां के लोगों के दुख-सुख में शरीक हो रहे हैं। अब केंद्र की मोदी सरकार ने अमेठी में रूस की एके-203 रायफलों को बनाने की मंजूरी दे दी है। अमेठी के कोरबा में फैक्ट्री लगाकर एके-203 सिरीज की 5 लाख रायफलें बनाई जाएंगी। इससे तमाम लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।

अब बात करते हैं इस रायफल की। 7.62 X 39 मिमी कैलिबर की एके-203 रायफलें करीब 30 साल पहले शामिल इंसास राइफल की जगह लेगी। एके सिरीज की ये रायफलें आतंकवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों में भारतीय सेना की परिचालन प्रभावशीलता को बढ़ाएगी। इसके अलावा, इससे एमएसएमई और अन्य रक्षा उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति के लिए छोटे व्यापारियों को मौका मिलेगा। इससे रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

यह योजना इंडो-रशियन रायफल्स प्राइवेट लिमिटेड IRRPL के तहत संयुक्त उद्यम के जरिए चलाई जाएगी। तत्कालीन ओएफबी, जो अब एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड है, म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड और रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और चिंता कलाश्निकोव के साथ मिलकर फैक्ट्री बनाई जाएगी। इससे मेक इन इंडिया के तहत देश में ही उन्नत हथियार बनाने की योजना भी कारगर रूप लेगी।

यहां आपको बता दें कि मोदी अमेठी गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस का यहां से सफाया कर दिया। एक बार हारकर भी स्मृति ईरानी इस सीट से चुनाव लड़ने से पीछे नहीं हटी और आख़िरकार राहुल गांधी यहां से चुनाव हार ही गए। अमेठी को लेकर कहा जाता है कि इस सीट पर हमेशा से कांग्रेस का दबदबा रहा है लेकिन विकास यहां पर दूर दूर तक नहीं दिखाई देता। गांधी परिवार यहां पर सिर्फ चुनाव जीतने के लिए आया करता था । हालांकि अब मोदी सरकार ने अमेठी को लेकर कई बड़े फैसले लिए हैं।

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