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राजस्थान में सियासी घमासान के बीच गहलोत सरकार की फिर बढ़ी मुश्किलें, भाजपा लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

Ashok Gehlot and Vasundhara Raje

नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच एक बार फिर अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल शुक्रवार से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने ऐलान किया है कि वो कल ही सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। ऐसे में अशोक गहलोत सरकार के सामने बहुमत साबित करने की चुनौती है। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी की बैठक हुई, जिसमें ये फैसला लिया गया। इस बैठक में विधायकों से अविश्वास प्रस्ताव पर दस्तखत भी करा लिए गए हैं।

भाजपा का कहना है कि गहलोत सरकार के पास संख्या नहीं है। विधानसभा में भाजपा के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि अशोक गहलोत की सरकार हार चुकी है। विधायक दल की बैठक में 71 विधायक शामिल थे। भाजपा की सहयोगी पार्टी आरएलपी के तीन विधायक भी इसमें मौजूद थे। गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस अपने घर में टांका लगाकर कपड़े को जोड़ना चाह रही है, लेकिन कपड़ा फट चुका है। ये सरकार जल्द ही गिरने वाली है।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि यह सरकार अपने विरोधाभास से गिरेगी, भाजपा पर यह झूठा आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इनके घर के झगड़े से भाजपा का कोई लेना देना नहीं है।

आपको बता दें कि गुरुवार को ही भारतीय जनता पार्टी ने जयपुर में विधायकों के साथ बड़ी बैठक की। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं, जबकि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से प्रतिनिधि ने भी बैठक में हिस्सा लिया।

राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, इनमें से 107 का आंकड़ा कांग्रेस के पास है। साथ ही कई निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। जबकि भाजपा के पास साथी पार्टियां मिलाकर 76 का आंकड़ा है। लेकिन हाल ही में हुए मनमुटाव के एपिसोड के बाद बहुमत साबित करना इतना आसान नहीं होगा।

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