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Rajasthan: किसान ने मांगा मुआवजा तो SDM ने मार दी लात !, वसुंधरा बोली- ये कैसा व्यवहार?

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नई दिल्ली। किसानों को अन्नदाता कहा जाता है क्योंकि इनके उगाए अनाज से हमारी भूख शांत होती है लेकिन राजस्थान में इसी अन्नदाता के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है उसे देख आप हैरत में पड़ जाएंगे। दरअसल, यहां राजस्थान के प्रतापपुरा में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत हो रहे सड़क निर्माण कार्य में जमीन गंवाने वाले किसान जालोर के सांचौर में विरोध जता रहे थे। वहीं जब किसानों ने वास्तवीक मुआवजे की मांग की तो पुलिस और अधिकारी उनपर बौखला उठे और उनपर बल किया। किसानों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने उन्हें लात भी मारी। वहीं अब इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले पर अब राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट किया है उन्होंने वीडियो पर सवाल उठाया कि अन्नदाता के साथ ये कैसा व्यवहार किया जा रहा है।

क्या था पूरा मामला

गुरुवार को सांचौर के पास प्रतापपुरा में सड़क का काम शुरू होना था। जिसके लिए पैमाइश की जा रही थी तभी इस दौरान वहां कुछ किसान एकजुट होकर आए और उचित मुआवजा नहीं मिलने की बात करते हुए विरोध-प्रदर्शन करने लगे। जानकारी मिलने के बाद मौके पर सांचौर उपखंड अधिकारी भूपेंद्र यादव और पुलिस जाब्ता भी पहुंचा। इस दौरान किसानों का कहना ये था कि जिस जमीन के दस लाख रुपए दिए जाने चाहिए उसके लिए केवल पचास हजार रुपये दिए गए। वास्तविक मुआवजा नहीं मिलने के कारण ही किसानों ने इसे लेकर वहां प्रदर्शन शुरू किया था।

बचाव में मारी लात-SDM

जिसके बाद किसानों के आक्रोश को देखकर सांचौर उपखंड अधिकारी भूपेंद्र यादव नाराज हो गए और गुस्से में ही उन्होंने एक किसान को लात मार दी। भूपेंद्र यादव के किसान को लात मारते हुए अब वीडियो भी वायरल हो रहा है। वहीं खुद को घिरता देख उपखंड अधिकारी भूपेंद्र यादव ने कहा है कि उन्होंने किसान पर लात का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि वो हाथों में लाठी लेकर उनकी तरफ आ रहे थे, उन्होंने बचाव के चलते ऐसा कदम उठाया।

हनुमान बेनीवाल ने भी की आलोचना

एसडीएम की ओर से किसान को मारी गई लात का वीडियो वायरल होने के बाद उनकी आलोचना हो रही है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर इस घटना को निंदनीय बताया है। बता दें, किसानों ने इस घटना के बाद देर रात को बैठक कर आगे की रणनीति तय की है।

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