जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार हाईकोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रही। मामला पीटीआई भर्ती 2016 का है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस भर्ती में भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ देने के आदेश दिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब हाईकोर्ट ने आदेश न मानने पर राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन RPSC के सचिव और शिक्षा सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस प्रकाश गुप्ता ने सख्त रुख अपनाते हुए ये नोटिस अजय फौजदार और अन्य अभ्यर्थियों की अवमानना अर्जी पर जारी किया। नोटिस जारी होने के बाद अब अफसरों की तरफ से जवाब तैयार कराया जा रहा है।
अवमानना की अर्जी के तहत कोर्ट में कहा गया है कि भरतपुर और धौलपुर के जाट अभ्यर्थियों को पीटीआई भर्ती में आरक्षण के लाभ से बाहर कर दिया गया था। बाद में सरकार ने इनको दोबारा ओबीसी आरक्षण का लाभ देने का एलान किया। पीटीआई भर्ती में जाट अभ्यर्थियों ने सामान्य वर्ग के तहत आवेदन किया, लेकिन फिर राज्य सरकार ने इनको ओबीसी आरक्षण का लाभ देने से मना कर दिया। अर्जी देने वालों के वकील रामप्रताप सैनी के मुताबिक ये जाट अभ्यर्थियों से अन्याय है और कोर्ट के आदेश के बाद भी आरक्षण न देना सरकार का गलत कदम है।
जब राजस्थान सरकार ने आरक्षण का लाभ जाट अभ्यर्थियों को नहीं दिया, तो उन्होंने हाईकोर्ट में इसके खिलाफ अर्जी दी थी। इस पर 15 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जाट अभ्यर्थियों को ओबीसी आरक्षण देने का आदेश दिया था। अवमानना की अर्जी में कहा गया है कि इस आदेश के एक साल होने को हैं, लेकिन राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। इस पर दोषियों को दंड देने की अपील की गई है। इसी पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर आरपीएससी और शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है।