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Rajasthan Corona: केरल की विजयन सरकार जैसी राह पर राजस्थान की गहलोत सरकार, कोरोना की तीसरी लहर आई तो रोकना होगा मुश्किल

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जयपुर। केरल में पिनरई विजयन सरकार की गफलत से कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है। ठीक उसी राह पर अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी चलती दिख रही है। हालत ये है कि अगर राजस्थान में कोरोना ने फिर सिर उठाया और तीसरी लहर आई, तो उसे रोकने में पसीने छूट जाएंगे। राजस्थान ने भी केरल की तरह टेस्टिंग कम कर दी है। टेस्टिंग कम है, तो मरीजों का भी पता नहीं चल रहा है। सरकार का कहना है कि बीते 10 दिन में 150 से भी कम मरीज मिले हैं। वहीं, जुलाई में राजस्थान में 1245 मरीज मिले थे। जयपुर में 342 मरीज इनमें शामिल थे। मरीजों की कम संख्या की वजह से ही शायद गहलोत सरकार का स्वास्थ्य विभाग सो रहा है।

टेस्टिंग की बात करें, तो पहले हर रोज 60 हजार से ज्यादा जांच हो रही थीं। अब 35 हजार से कम हो रही हैं। सवाई माधोपुर, पाली, जालौर, जैसलमेर, करौली, राजसमंद, धौलपुर, बूंदी, बारां, झालावाड़, डूंगरपुर और बाड़मेर में सबसे कम जांच हो रही है। ट्रेनों से आने वालों की जांच बंद और हवाई अड्डों पर सिर्फ वैक्सीनेशन या आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट देख ली जाती है।

केरल गई केंद्रीय टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वहां भी टेस्टिंग और ट्रेसिंग की कमी की वजह से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है। ठीक उसी तरह राजस्थान में भी हो रहा है। एकदम से अगर कोरोना बम फूटा, तो उसे संभालने में राज्य सरकार को बड़ी दिक्कत आ सकती है। बता दें कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने यहां खतरनाक रूप लिया था।

राज्य सरकार का गफलत भरा रवैया तब है, जब केंद्र सरकार बार-बार कह रही है कि एक भी मरीज मिले, तो उसकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जानी चाहिए। ताकि मरीजों की संख्या बढ़ने से रोका जा सके। वहीं, गहलोत सरकार का कहना है कि टेस्टिंग कराने लोग ही कम आ रहे हैं।

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