नई दिल्ली। बीजेपी नेता व गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर व्यापारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया है। बीजेपी सांसद ने कहा कि महुआ मोइत्रा उक्त व्यापारी के हितों को प्रभावित करने वाले सवाल ही पूछती है और इसके एवज में उन्हें भारी भरकम रकम मुहैया कराई जाती है। निशिकांत दुबे ने एक आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि टीएमसी सांसद द्वारा पूछे गए 70 फीसद से अधिक सवाल व्यापारी दर्शन हीरानंदानी से ही जुड़े हुए हैं। वहीं, बीजेपी सांसद ने इस संदर्भ में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच कराने की मांग की है, जिसका महुआ ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वो हर प्रकार की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्हीं किसी भी जांच से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
इसके अलावा अब खबर है कि महुआ ने निशिकांत दुबे को इस मामले में नोटिस भी जारी किया है। उन्होंने बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है। उधर, निशिकांत दुबे ने इस मामले में केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर को भी पत्र लिखा है, जिस पर अब उनकी भी प्रतिक्रिया सामने आई है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में क्या कुछ कहा है।
क्या बोले राजीव चंद्रशेखर
बता दें कि राजीव चंद्रशेखर ने पूरे मामले पर ट्वीट कर कहा कि, ‘मुझे समाचार रिपोर्टों से पता चला है कि यह संसदीय प्रश्न संभवतः एक डेटा सेंटर कंपनी के आदेश पर एक सांसद द्वारा पूछा गया था। अगर यह सच है तो यह वाकई चौंकाने वाला और शर्मनाक है यह सच है कि यह कंपनी डेटा स्थानीयकरण के लिए सक्रिय और आक्रामक तरीके से पैरवी कर रही थी। पीक्यू में उपयोग की गई भाषा बहुत समान है (डेटा स्थानीयकरण की आवश्यकता को डेटा उल्लंघनों से जोड़ना) उस भाषा के समान है जब इस कंपनी के प्रमुख ने मुझसे मुलाकात की थी।🤷🏻♂️😒 मुझे इसके पूरे तथ्य या पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं है – लेकिन अगर यह सच है तो यह एक भयानक उपहास और पीक्यू का दुरुपयोग है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मामले में केंद्र सरकार का क्या रुख रहता है। इस पर तो सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि इस पूरे मसले ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है ।आइए, आगे आपको मौजूदा विपक्षी दलों की इस पूरे मसले पर रुख के बारे में विस्तार से बताते हैं।
I hv learnt from news reports that this Parliamentary Question was likely asked by a MP at the behest of a Data center company.
If true this is indeed shocking and shameful 🤮🤬
It is true that this company was actively and aggressively lobbying for Data Localization.… pic.twitter.com/slrtrNLNSy
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) October 16, 2023
कैसा है विपक्षी दलों का रुख
बता दें कि इस पूरे मसले पर सबसे पहले कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि महुआ मोइत्रा पर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियादी हैं, जिनमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग अपने बहुमत का उपयोग करके आतंक फैला रहे हैं और सच्चाई को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने भी इस पूरे मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए ये सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियादी हैं, जिनमें बिल्कुल भी सत्यता नहीं है। सच्चाई तो यह है कि बीजेपी को अदानी पर विपक्षियों के सवाल बिल्कुल भी रास नहीं आते हैं, इसलिए टीएमसी सांसद पर इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। उधर, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने भी निशिकांत दुबे के इस मांग की आलोचना की है। जेडीयू नेता ने कहा कि इस देश में सभी को सवाल पूछने की आजादी होनी चाहिए। किसको क्या सवाल पूछना है और क्या नहीं। यह उसका निजी अधिकार होता है। बीजेपी अब यह तय नहीं करेगी कि क्या किसे क्या सवाल पूछना चाहिए। तो इस तरह से आप समझ सकते हैं कि इस पूरे प्रकरण ने विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।