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Farm Laws: किसान आंदोलन को गैर सियासी बताने वाले राकेश टिकैत की खुली पोल, किसानों ने ही कर दी हूटिंग

rakesh tikait

मुजफ्फरनगर। किसानों का आंदोलन गैर सियासी बताने वाले बीकेयू के नेता राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर में आज पूरी तरह सियासी रंग में रंगे नजर आए। टिकैत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भाषा को अपनी जुबान दी। फिर बीजेपी को वोट की चोट देने का एलान कर दिया। इससे पहले टिकैत ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भी कोलकाता में जनसभा की थी। तब तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें इसके लिए मदद दी थी। बाद में टिकैत पलट गए थे और कहा था कि तृणमूल को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने कोलकाता में जनसभा नहीं की थी।

अब मुजफ्फरनगर में जिस तरह की बयानबाजी उन्होंने की, उससे साफ हो गया कि आंदोलन को गैर सियासी बताने वाला उनका दावा महज ढकोसला था। उधर, किसान महापंचायत में तमाम किसानों ने ही नेताओं की हूटिंग कर दी। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल बोलने के लिए खड़े हुए, तो मंच के पास मौजूद लोगों ने हूट किया। राजेवाल ने कहा कि 100 लोग मेरा अपमान कर रहे हैं। मैंने टिकैत साहब से शिकायत की है।

इसके बाद राकेश टिकैत भड़क गए। उन्होंने कहा कि कौन लोग हैं ये। इनके कैमरे बंद करो। यहां से हटाओ। इन लोगों का घेराव कराकर मैं तलाशी लूंगा कि किस विचारधारा के हैं। ये लोग बदसलूकी करने आए हैं। बाद में टिकैत ने मंच से कहा कि मोदी सरकार देश की हर संपत्ति को बेच रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के घोषणापत्र में तो ये था नहीं। सरकार बताए कि फिर वो संपत्तियां क्यों बेच रही है। बता दें कि बीते दिनों राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार पर इसी अंदाज में देश की संपत्तियां बेचने का आरोप लगाया था। सरकार हालांकि कह चुकी है कि मौद्रीकरण नीति के तहत वो संपत्तियों को निजी क्षेत्र को बेचेगी नहीं, बल्कि किराए पर देगी। जिससे 6 लाख करोड़ हासिल होंगे।

खैर, अब फिर लौटते हैं टिकैत के सियासी बयान पर। टिकैत ने महापंचायत में ये भी एलान किया कि अगर किसानों को फसल की उचित रकम नहीं मिली, तो बीजेपी को वोट की चोट देनी होगी। उन्होंने कहा कि अब वोट की चोट देने का वक्त आ गया है। टिकैत ने ये भी कहा कि यूपी और उत्तराखंड के अलावा देशभर में सभाएं करेंगे। किसान आंदोलन के मंच से उन्होंने 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में रैली और 27 सितंबर को भारत बंद का भी एलान किया।

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